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ATR (Average True Range) क्या है? | शेयर बाजार में वोलैटिलिटी समझने का आसान तरीका

एक स्टॉक मार्केट चार्ट प्रदर्शित है, जिसमें औसत ट्रू रेंज (Average True Range) संकेतक दिखाया गया है, जो कीमतों की अस्थिरता को मापता है। चित्र में एक व्यक्ति सूट पहने हुए स्क्रीन पर चार्ट का विश्लेषण कर रहा है, और पृष्ठभूमि में एक आधुनिक ट्रेडिंग कार्यालय का दृश्य है, जिसमें कई मॉनिटर और तकनीकी उपकरण दिखाई देते हैं।
ATR = Risk का असली माप

 ATR (Average True Range) क्या है?

शेयर बाजार में सिर्फ प्राइस देखना काफी नहीं होता।
👉 असली खेल वोलैटिलिटी (Volatility) यानी उतार-चढ़ाव का होता है।
👉 इसी को मापने के लिए ट्रेडर्स ATR (Average True Range) का इस्तेमाल करते हैं।


 1. ATR की बेसिक समझ

  • ATR = Volatility Indicator

  • यह बताता है कि किसी शेयर या इंडेक्स में कितना उतार-चढ़ाव हो रहा है।

  • इसे J. Welles Wilder ने बनाया था।

  • Direct Buy/Sell Signal नहीं देता, बल्कि Risk और Price Movement को समझने में मदद करता है।


 2. ATR क्यों ज़रूरी है?

  • मार्केट सिर्फ ऊपर या नीचे नहीं जाता, बीच में भी बहुत हलचल होती है।

  • ट्रेडर को यह जानना जरूरी है कि स्टॉक "ज्यादा हिलता" है या "कम हिलता" है।

  • ATR वही Range दिखाता है – यानी स्टॉक कितना Move कर सकता है।


 3. ATR कैसे Calculate होता है?

👉 Calculation थोड़ा टेक्निकल है, लेकिन आसान शब्दों में समझें:

  • हर दिन का True Range (TR) निकाला जाता है:

    1. High – Low

    2. |High – Previous Close|

    3. |Low – Previous Close|
      तीनों में से जो सबसे बड़ा है = TR

  • फिर कई दिनों (जैसे 14 Days) का Average निकाला जाता है → वही है ATR।


 4. ATR को चार्ट पर कैसे देखें?

  • Trading Platforms (जैसे TradingView, Zerodha Kite) में ATR Indicator मौजूद होता है।

  • यह Price Chart के नीचे एक Wave Graph की तरह दिखता है।

  • ज़्यादा Value = ज्यादा उतार-चढ़ाव

  • कम Value = स्थिर या शांत मार्केट


 5. ATR हमें क्या बताता है?

  • High ATR = ज्यादा Volatility
    👉 मतलब स्टॉक बहुत तेजी से ऊपर-नीचे हो रहा है।

  • Low ATR = कम Volatility
    👉 मतलब स्टॉक में ज्यादा हलचल नहीं है, Stable है।


 6. ATR से ट्रेडिंग में फायदा कैसे उठाएं?

1. Stop Loss सेट करने में मददगार

  • ATR देखकर ट्रेडर Stop Loss को Scientific तरीके से लगाते हैं।

  • जैसे: ATR = ₹10 → तो Stop Loss एंट्री से कम से कम ₹10 दूर रखना चाहिए।

2. Position Sizing

  • High ATR वाले स्टॉक्स में छोटी Quantity लें (Risk ज्यादा)।

  • Low ATR वाले स्टॉक्स में बड़ी Quantity ली जा सकती है।

3. Breakout की पहचान

  • ATR अचानक बढ़े → मतलब Market में नया Move आ सकता है।

  • ATR घटे → मतलब Market Range-bound है।

4. Risk Management

  • ATR Risk Measurement का Real Tool है।

  • इससे पता चलता है कि कोई ट्रेड कितना Dangerous हो सकता है।


 7. ATR के फायदे

  • आसान और Universal Indicator है।

  • किसी भी Asset पर काम करता है – Stocks, Commodities, Forex, Crypto।

  • Risk और Volatility को Scientific तरीके से मापता है।

  • Beginners और Professionals – दोनों के लिए उपयोगी।


 8. ATR की Limitations (कमियाँ)

  • Buy/Sell Signal Directly नहीं देता।

  • सिर्फ Volatility बताता है, Trend नहीं।

  • अकेले इस्तेमाल करने से गलत फैसले हो सकते हैं।

  • इसे RSI, Moving Average, MACD जैसे Indicators के साथ Use करना चाहिए।


 9. ATR को कैसे Combine करें?

👉 Best Strategy = ATR + Trend Indicator

  • ATR + Moving Average → Trend + Risk दोनों पता चलते हैं।

  • ATR + RSI → Entry-Exit और Risk का Balance।

  • ATR + Bollinger Bands → Volatility का Double Confirmation।


 10. Real-Life Example (आसान भाषा में)

मान लीजिए एक स्टॉक ₹100 पर है।

  • ATR = ₹5 → मतलब यह रोज़ लगभग 5 रुपये Move कर सकता है।

  • अगर आप Stop Loss ₹1 पर लगाएंगे → जल्दी Hit हो जाएगा।

  • लेकिन ATR देखकर आप ₹5 या उससे ज्यादा का Stop Loss रखेंगे → ज्यादा सुरक्षित रहेगा।


 11. ATR कब Use करें?

  • Intraday Trading (जल्दी Buy-Sell करने वालों के लिए)

  • Swing Trading (कुछ दिन से हफ्ते तक रखने वालों के लिए)

  • Long Term Risk Analysis (Investors भी समझ सकते हैं कि स्टॉक कितना Volatile है)


 12. Beginners के लिए Tips

✔️ पहले ATR का सिर्फ Observation करें, तुरंत Use न करें।
✔️ 14-Day ATR Default Setting ठीक रहती है।
✔️ Stop Loss हमेशा ATR के हिसाब से लगाएं।
✔️ अकेले ATR पर भरोसा न करें, दूसरे Indicators से Confirm करें।
✔️ ज्यादा ATR = ज्यादा Risk → हमेशा Position Size Adjust करें।


 13. Progress India का सुझाव

  • Market में टिकने के लिए सिर्फ Price Action नहीं, Risk Understanding भी जरूरी है।

  • ATR हर Trader को Risk और Volatility की Real Picture दिखाता है।

  • इसे अपनाकर आप अपने Trades को ज्यादा Scientific, Safe और Professional बना सकते हैं।

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 Quick Recap (Action Plan Style)

✔️ ATR = Volatility Indicator
✔️ High ATR = High Risk, Low ATR = Low Risk
✔️ Stop Loss और Position Size तय करने में Best Tool
✔️ अकेले Use न करें, Combo Strategy अपनाएं
✔️ Beginners → Observe → Practice → Apply

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FAQs (Frequently Asked Questions)

Q1. ATR (Average True Range) क्या है?
ATR एक Volatility Indicator है जो बताता है कि किसी स्टॉक या इंडेक्स में कितना उतार-चढ़ाव हो रहा है।

Q2. ATR का उपयोग क्यों किया जाता है?
ATR Stop Loss लगाने, Position Sizing करने और Market Risk समझने में मदद करता है।

Q3. ATR कैसे Calculate होता है?
ATR = पिछले कुछ दिनों का True Range का Average। True Range = High-Low या Previous Close से Difference।

Q4. क्या ATR Buy/Sell Signal देता है?
नहीं, ATR Direct Signal नहीं देता। यह सिर्फ Risk और Volatility बताता है। इसे दूसरे Indicators के साथ Use करना चाहिए।

Q5. Beginners ATR कैसे सीख सकते हैं?
शुरुआत में केवल Observe करें, Default 14-Day Setting Use करें और धीरे-धीरे इसे Stop Loss व Risk Management में Apply करें।

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