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शेयर बाजार में ग्रीन और रेड कैंडल क्या है? | आसान गाइड | Progress India

एक हरी और एक लाल मोमबत्ती चार्ट प्रदर्शित है, जो स्टॉक बाजार में मूल्य आंदोलनों का प्रतिनिधित्व करता है। चार्ट में हरी मोमबत्ती तेजी (Bullish) और लाल मोमबत्ती मंदी (Bearish) को दर्शाती है। पृष्ठभूमि में एक लकड़ी की मेज और धुंधला कमरा दिखाई देता है, जो एक शांत वातावरण को दर्शाता है।
ग्रीन कैंडल = खरीदार हावी, रेड कैंडल = विक्रेता हावी

 Progress India – शेयर बाजार में ग्रीन और रेड कैंडल क्या है?


1. शुरुआत – कैंडलस्टिक चार्ट की कहानी

  • शेयर बाजार में प्राइस मूवमेंट को समझने के कई तरीके हैं।

  • उनमें से सबसे लोकप्रिय है कैंडलस्टिक चार्ट

  • हर कैंडल एक छोटी सी "कहानी" बताती है – उस दिन प्राइस कहाँ से शुरू हुआ, कहाँ गया और कहाँ बंद हुआ।


2. ग्रीन और रेड कैंडल – मतलब क्या?

  • ग्रीन कैंडल (Green Candle) → प्राइस बढ़ा है।

  • रेड कैंडल (Red Candle) → प्राइस घटा है।

  • ग्रीन = पॉजिटिव मूवमेंट।

  • रेड = नेगेटिव मूवमेंट।


3. ग्रीन कैंडल की पहचान

  • जब Close प्राइस > Open प्राइस

  • इसका मतलब – खरीदार ज्यादा एक्टिव रहे।

  • कैंडल बॉडी हरे रंग में दिखती है।

  • मार्केट में बुलिश सेंटिमेंट


4. रेड कैंडल की पहचान

  • जब Close प्राइस < Open प्राइस

  • इसका मतलब – विक्रेता ज्यादा ताकतवर रहे।

  • कैंडल बॉडी लाल रंग में दिखती है।

  • मार्केट में बेयरिश सेंटिमेंट


5. कैंडल का स्ट्रक्चर (Candle Structure)

हर कैंडल के 4 हिस्से होते हैं:

  • Open → प्राइस कहां से शुरू हुआ।

  • Close → प्राइस कहां खत्म हुआ।

  • High → दिन का सबसे ऊँचा प्राइस।

  • Low → दिन का सबसे निचला प्राइस।


6. ग्रीन बनाम रेड कैंडल – अंतर

पॉइंट ग्रीन कैंडल रेड कैंडल
ओपन और क्लोज़ Close > Open Close < Open
रंग हरा 🟢 लाल 🔴
मार्केट सेंटिमेंट पॉजिटिव (Bullish) नेगेटिव (Bearish)
क्या दर्शाता है खरीदार हावी विक्रेता हावी

7. क्यों जरूरी हैं ये कैंडल्स?

  • कैंडल्स बताती हैं कि मार्केट किस मूड में है।

  • सिर्फ प्राइस देखने से ज्यादा क्लियर पिक्चर मिलती है।

  • यह ट्रेडिंग सिग्नल्स देती हैं।

  • हर ट्रेडर और निवेशक के लिए बेसिक टूल।


8. ग्रीन कैंडल का महत्व

  • दिखाता है कि खरीदारी बढ़ रही है।

  • ट्रेंड ऊपर जा सकता है।

  • इन्वेस्टर्स का कॉन्फिडेंस बढ़ता है।

  • लॉन्ग पोजिशन के लिए पॉजिटिव सिग्नल।


9. रेड कैंडल का महत्व

  • बताता है कि सेलिंग प्रेशर बढ़ रहा है।

  • ट्रेंड नीचे जा सकता है।

  • इन्वेस्टर्स सतर्क हो जाते हैं।

  • शॉर्ट पोजिशन के लिए मौका।


10. लगातार कैंडल्स से ट्रेंड कैसे समझें?

  • 3-4 ग्रीन कैंडल लगातार → Strong Uptrend।

  • 3-4 रेड कैंडल लगातार → Strong Downtrend।

  • ग्रीन-रेड मिक्स → अनिश्चितता / कंसॉलिडेशन।


11. लंबी और छोटी कैंडल्स का मतलब

  • लंबी ग्रीन कैंडल → Buyers पूरी तरह कंट्रोल में।

  • लंबी रेड कैंडल → Sellers का दबदबा।

  • छोटी कैंडल (Doji) → मार्केट में कन्फ्यूजन।


12. एक्शन प्लान: ग्रीन और रेड कैंडल पढ़ना

✅ स्टेप 1 → चार्ट खोलें (TradingView, Zerodha, Groww)।
✅ स्टेप 2 → पहली नज़र में देखें – ग्रीन या रेड कैंडल।
✅ स्टेप 3 → बॉडी और शैडो (High-Low) का साइज़ नोट करें।
✅ स्टेप 4 → लगातार कैंडल्स का पैटर्न समझें।
✅ स्टेप 5 → डिसीजन लेने से पहले कन्फर्मेशन लें (Indicators)।


13. नए निवेशकों के लिए आसान टिप्स

  • सिर्फ एक कैंडल पर भरोसा मत करें।

  • हमेशा 3-4 कैंडल्स का ट्रेंड देखें।

  • ग्रीन कैंडल = तुरंत खरीदना नहीं।

  • रेड कैंडल = तुरंत बेचना नहीं।

  • रिस्क मैनेजमेंट हमेशा रखें।


14. ट्रेडर्स के लिए फायदे

  •  ट्रेंड पहचानना आसान।

  •  Entry और Exit का सही समय मिलता है।

  •  Risk-Reward रेशियो बेहतर।

  •  Short-Term और Intraday में सबसे काम का।


15. निवेशकों के लिए सबक

  • ग्रीन कैंडल = मार्केट में भरोसा।

  • रेड कैंडल = सावधानी जरूरी।

  • लंबी अवधि में, सिर्फ कैंडल्स नहीं – फंडामेंटल्स भी देखें।


16. Progress India की प्रो टिप्स

  • हर ग्रीन कैंडल खरीदारी का मौका नहीं।

  • हर रेड कैंडल बेचने का संकेत नहीं।

  • कैंडल्स को हमेशा इंडिकेटर्स (RSI, MACD, Moving Average) के साथ मिलाएं।

  • "Trend is your Friend" – ट्रेंड के खिलाफ मत जाएं।


17. सीखने का मंत्र

"कैंडल्स को पढ़ना मतलब,
मार्केट की असली भाषा समझना।
ग्रीन और रेड – यही बताते हैं,
कि बुल्स और बियर्स का खेल कौन जीत रहा है।"


18. Progress India के साथ सीखें चार्ट पढ़ने का सही तरीका

  • ग्रीन और रेड कैंडल्स शेयर बाजार का बेसिक सिग्नल हैं।

  • ये दिखाते हैं कि मार्केट में कौन हावी है – खरीदार या विक्रेता।

  • इनसे ट्रेंड समझना आसान हो जाता है।

  • Progress India का मकसद है आपको आसान भाषा में यह सब समझाना –
    ताकि आप भी बनें एक स्मार्ट और जागरूक निवेशक

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शेयर बाजार में बुलिश और बेयरिश बार्स क्या हैं? | आसान गाइड | Progress India

FAQ (मोबाइल-फ्रेंडली)

Q1. ग्रीन कैंडल क्या होती है?
Ans: जब शेयर का Close प्राइस Open से ज्यादा होता है, तो ग्रीन कैंडल बनती है। यह खरीदारों की ताकत और बुलिश ट्रेंड दिखाती है।

Q2. रेड कैंडल का मतलब क्या है?
Ans: जब Close प्राइस Open से कम हो जाता है, तो रेड कैंडल बनती है। यह विक्रेताओं का दबदबा और बेयरिश ट्रेंड बताती है।

Q3. ग्रीन और रेड कैंडल्स क्यों जरूरी हैं?
Ans: ये कैंडल्स मार्केट का मूड और ट्रेंड साफ करती हैं, जिससे सही Entry और Exit का समय समझना आसान हो जाता है।

Q4. क्या सिर्फ एक कैंडल देखकर डिसीजन लेना सही है?
Ans: नहीं। हमेशा 3-4 कैंडल्स का पैटर्न देखें और इंडिकेटर्स (RSI, MACD, Moving Average) के साथ कन्फर्म करें।

Q5. क्या नए निवेशक ग्रीन और रेड कैंडल समझ सकते हैं?
Ans: हाँ। थोड़ी प्रैक्टिस और सही गाइडेंस से कोई भी आसानी से इन कैंडल्स को पढ़ सकता है।

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