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उत्तर प्रदेश की शल्य‑चिकित्सा अनुदान योजना: दिव्यांगजन हेतु मुफ्त सर्जरी सहायता

 उत्तर प्रदेश की शल्य चिकित्सा अनुदान योजना दिव्यांग जनों को शल्य चिकित्सा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना से जीवन की गुणवत्ता में सुधार और उनकी सक्रिय सामाजिक सहभागिता सुनिश्चित होती है।


🏥 योजना के मुख्य तत्व

1. सामान्य शल्य चिकित्सा के लिए अनुदान

  • 21 प्रकार की करेक्टिव सर्जरी (जैसे पोस्ट-पोलियो, कॉर्निया प्लास्टी, ऑर्थोसिस आदि) के लिए ₹10,000 तक सम्मानित अनुदान मिलता है।

  • यह राशि अस्पताल/चिकित्सक को सीधे दी जाती है और लाभार्थी को कोई अतिरिक्त खर्च नहीं उठाना पड़ता ।

2. कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी सहायता

  • श्रोत-बाधित या मूकबधिर बच्चों (5–14 वर्ष तक) के लिए विभाजित रूप से ₹6 लाख प्रति बच्चा तक का फंड उपलब्ध ghaziabad.nic.in

  • FY 2024–25 में लाख 12.84 करोड़ से 214 बच्चों की सर्जरी की गई, जिससे उन्हें सुनने में क्षमता मिली ।


📌 पात्रता

  • दिव्यांगता ≥40%, मेडिकल सर्टिफ़िकेट अनिवार्य।

  • आय सीमा: वार्षिक पारिवारिक आय निर्धारित मानदंड (आम तौर पर BPL या करीब) में होनी चाहिए।

  • लाभार्थी उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी होने चाहिए।


📋 आवेदन प्रक्रिया

🔹 ऑफ़लाइन

  • अपने नजदीकी जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी ऑफिस में जाकर या डिवाइज़ब्लॉक स्तर शिविरों में आवेदन करें।

  • चिकित्सा रिपोर्ट व आय एवं पहचान दस्तावेज़ संलग्न करें।

🔹 ऑनलाइन

  • दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर पोर्टल लॉगिन करें – जानकारी उपलब्ध है लेकिन आवेदन ज्यादातर ऑफ़लाइन ही होता है  uphwd.gov.in


💡 फायदे

  • दिव्यांगता में कमी—शारीरिक, सुनने/यातायातीय सुधार—से समाज में आत्मनिर्भरता बढ़ती है।

  • कॉक्लियर इम्प्लांट से बच्चों की शिक्षा और संवाद क्षमता पर सकारात्मक असर हुआ है।

  • सरकार ने इसे "सबका साथ, सबका विकास" का हिस्सा बताया है, जिसका प्रभाव कई जिलों में देखने को मिला है।


✅ संक्षेप सारणी

सुविधा राशि लाभार्थी वर्ग
सामान्य शल्य चिकित्सा ₹10,000 प्रति सर्जरी दिव्यांग (≥40%)
कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी (5–14 वर्ष) ₹6 लाख प्रति बच्चा श्रवण बाधित
FY 2024–25 आवेदन 214 बच्चे, ₹12.84 करोड़ खर्च

🛠️ अगला कदम

सहायता के लिए  हमें ईमेल करें

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