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बिहार में वारिसाना प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं? | ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया | Progress India

एक औपचारिक कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र मेज पर रखा है, जिसमें सजावटी बॉर्डर और मुहर के साथ लिखित जानकारी है, पृष्ठभूमि में खिड़की और पौधे दिखाई दे रहे हैं।
Legal Heir Certificate

 वारिसाना प्रमाण पत्र (Legal Heir Certificate) – पूरी जानकारी

 परिचय

  • जब परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उनकी संपत्ति या सरकारी सुविधाएँ पाने के लिए कानूनी उत्तराधिकारी (Legal Heir) साबित करना जरूरी होता है।

  • इस काम के लिए वारिसाना प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।

  • यह प्रमाण पत्र राज्य सरकार/जिला प्रशासन द्वारा जारी होता है।


 वारिसाना प्रमाण पत्र क्यों जरूरी है?

  • मृतक व्यक्ति की संपत्ति में अधिकार साबित करने के लिए।

  • बैंक अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉज़िट, इंश्योरेंस, PF, पेंशन आदि क्लेम करने के लिए।

  • नामांतरण (Mutation) और दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में।

  • बिजली/पानी/गैस कनेक्शन ट्रांसफर के लिए।

  • कोर्ट केस या सरकारी कामों में उत्तराधिकारी साबित करने के लिए।


 वारिसाना प्रमाण पत्र किनको मिलता है?

  • पत्नी/पति

  • बेटे-बेटियाँ

  • माता-पिता

  • भाई-बहन (यदि माता-पिता और बच्चे नहीं हैं)

  • अन्य कानूनी उत्तराधिकारी (यदि उपरोक्त कोई नहीं है)

👉 प्रमाण पत्र में सभी वारिसों के नाम दर्ज होते हैं।


 आवेदन करने से पहले क्या तैयार करें?

  • मृतक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र

  • आवेदक का पहचान पत्र (आधार/वोटर ID)

  • परिवार के सभी सदस्यों का नाम, उम्र और संबंध

  • जमीन/संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़ (यदि हो)

  • निवास प्रमाण पत्र

  • पासपोर्ट साइज फोटो


 आवेदन करने की प्रक्रिया (Step by Step)

 Step 1: आवेदन पत्र भरें

  • अपने जिला/प्रखंड कार्यालय से वारिसाना प्रमाण पत्र हेतु आवेदन प्राप्त करें।

  • ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध है (राज्य के आधार पर)।

 Step 2: जरूरी दस्तावेज़ संलग्न करें

  • मृत्यु प्रमाण पत्र

  • पहचान पत्र

  • परिवार विवरण

 Step 3: राजस्व अधिकारी/CO या तहसीलदार को जमा करें

  • आवेदन जमा करने के बाद म्यूटेशन/दाखिल-खारिज से जुड़े दस्तावेज़ भी मांगे जा सकते हैं।

 Step 4: जांच (Verification)

  • राजस्व कर्मचारी/हल्का कर्मचारी गांव जाकर जांच करेंगे।

  • सभी वारिसों का बयान लिया जाएगा।

  • अगर कोई आपत्ति नहीं है, तो रिपोर्ट जमा होगी।

 Step 5: प्रमाण पत्र निर्गत


 कितने समय में मिलता है?

  • सामान्यतः 15–30 दिनों में।

  • यदि आपत्ति या विवाद हो तो समय बढ़ सकता है।


 शुल्क (Fee)

  • आवेदन शुल्क – राज्य सरकार द्वारा तय

  • प्रमाण पत्र शुल्क – 10 रुपये से 100 रुपये (राज्य के अनुसार)


 विवाद की स्थिति में क्या करें?

  • यदि परिवार में विवाद है तो मामला सिविल कोर्ट में जाएगा।

  • कोर्ट का आदेश आने के बाद ही प्रमाण पत्र जारी होगा।

  • फर्जी वारिस शामिल होने पर FIR दर्ज की जा सकती है।


 बिहार में ऑनलाइन आवेदन (उदाहरण)

  • RTPS Bihar Portal

  • Services → वारिसाना प्रमाण पत्र → ऑनलाइन आवेदन करें

  • आवेदन ID और रसीद सुरक्षित रखें।

  • Status ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।


 जरूरी सावधानियाँ

✔️ आवेदन में सभी वारिसों के नाम सही लिखें।
✔️ मृतक का सही मृत्यु प्रमाण पत्र संलग्न करें।
✔️ जांच के समय मौजूद रहें।
✔️ प्रमाण पत्र की कॉपी सुरक्षित रखें।

❌ किसी वारिस का नाम छिपाएँ नहीं।
❌ फर्जी दस्तावेज़ न लगाएँ।
❌ खुद से कब्जा लेने की कोशिश न करें।


 कोर्ट केस में वारिसाना प्रमाण पत्र का महत्व

  • Succession Certificate और Legal Heir Certificate में अंतर होता है।

  • Succession Certificate → कोर्ट से जारी, बैंक/फाइनेंशियल मामलों के लिए।

  • Legal Heir Certificate (वारिसाना प्रमाण पत्र) → राजस्व विभाग से जारी, जमीन/संपत्ति और सरकारी कामों के लिए।


 उदाहरण आवेदन प्रारूप (सरल रूप में)

सेवा में,  
अंचलाधिकारी / तहसीलदार  
[प्रखंड/तहसील का नाम], जिला – [जिला नाम]  

विषय: वारिसाना प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु आवेदन  

महोदय,  
सविनय निवेदन है कि मेरे पिता/पति श्री ______ की दिनांक __/__/____ को मृत्यु हो गई।  
उनकी संपत्ति/सुविधाओं के लिए वारिसाना प्रमाण पत्र की आवश्यकता है।  

परिवार के सदस्य:  
1. [नाम – संबंध]  
2. [नाम – संबंध]  

अतः आपसे निवेदन है कि जांचोपरांत मुझे वारिसाना प्रमाण पत्र निर्गत करने की कृपा करें।  

संलग्न: मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र  

भवदीय,  
[नाम, पता, मोबाइल]  

 वारिसाना प्रमाण पत्र क्या है

  • वारिसाना प्रमाण पत्र हर परिवार के लिए एक जरूरी दस्तावेज़ है।

  • इससे संपत्ति, पेंशन, बैंक और सरकारी कामकाज में आसानी होती है।

  • आवेदन सही तरीके से करें और विवाद से बचें।

👉 याद रखें:

  • समय पर आवेदन करें।

  • सभी दस्तावेज़ पूरे रखें।

  • यदि विवाद हो तो कोर्ट से समाधान लें।

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वारिसाना प्रमाण पत्र – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1. वारिसाना प्रमाण पत्र क्या होता है?
👉 यह एक सरकारी दस्तावेज़ है जो बताता है कि मृतक व्यक्ति के वैध उत्तराधिकारी (Heirs) कौन हैं।

Q2. वारिसाना प्रमाण पत्र की जरूरत कब पड़ती है?
👉 जब परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है और उनकी संपत्ति, जमीन, बैंक अकाउंट, पेंशन, इंश्योरेंस या दाखिल-खारिज का अधिकार तय करना हो।

Q3. वारिसाना प्रमाण पत्र कहाँ से मिलता है?
👉 यह प्रमाण पत्र सामान्यतः अंचल कार्यालय (Circle Office), तहसील या ब्लॉक स्तर पर राजस्व विभाग से जारी किया जाता है।

Q4. किन दस्तावेज़ों की जरूरत होती है?

  • मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र

  • आवेदक की पहचान पत्र (आधार, वोटर आईडी आदि)

  • परिवार का विवरण / वंशावली

  • निवास प्रमाण पत्र

  • पासपोर्ट साइज फोटो

Q5. आवेदन करने का तरीका क्या है?
👉 दो तरीके हैं:

  • ऑनलाइन आवेदन – RTPS या e-District पोर्टल पर

  • ऑफलाइन आवेदन – सीधे राजस्व/अंचल कार्यालय में जाकर

Q6. वारिसाना प्रमाण पत्र बनाने में कितना समय लगता है?
👉 सामान्य परिस्थितियों में 15–30 दिन। अगर विवाद हो तो अधिक समय लग सकता है।

Q7. वारिसाना प्रमाण पत्र और Succession Certificate में क्या फर्क है?
👉

  • वारिसाना प्रमाण पत्र – राजस्व विभाग जारी करता है, मुख्यतः जमीन/संपत्ति के मामलों में उपयोगी।

  • Succession Certificate – सिविल कोर्ट जारी करता है, मुख्यतः बैंक/फाइनेंशियल मामलों में उपयोगी।

Q8. क्या बिहार में ऑनलाइन वारिसाना प्रमाण पत्र बनता है?
👉 हाँ ✅ बिहार में RTPS पोर्टल से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

Q9. अगर परिवार में विवाद हो तो क्या करें?
👉 ऐसी स्थिति में मामला सिविल कोर्ट में ले जाना पड़ता है। कोर्ट सबूत और दस्तावेज़ देखकर वैध वारिस का निर्णय करता है।

Q10. क्या वारिसाना प्रमाण पत्र की कोई फीस लगती है?
👉 हाँ, सामान्यतः मामूली आवेदन शुल्क (20–100 रुपये) लगता है। अलग-अलग राज्यों में फीस अलग हो सकती है।

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