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भूमि रिकॉर्ड अपडेट न होने पर क्या करें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड 2025 | Progress India

एक कार्यालय में एक गंभीर व्यक्ति, जो सूट और टाई पहने हुए है, डेस्क पर कागजों के ढेर के सामने बैठा है और सोच रहा है। पृष्ठभूमि में किताबों और फाइलों की अलमारियां दिखाई देती हैं।
भूमि रिकॉर्ड अपडेट न होने पर क्या करें


 जब अधिकारियों द्वारा भूमि रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया जाता है तो क्या करें?

भूमि हमारे जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति होती है।
किसी भी जमीन का रिकॉर्ड (जमाबंदी, खतियान, दाखिल-खारिज, नक्शा, म्यूटेशन) सही और अपडेट होना बेहद जरूरी है।

लेकिन कई बार ऐसा होता है कि:

  • आप नामांतरण का आवेदन करते हैं पर महीनों तक अपडेट नहीं होता।

  • दाखिल-खारिज का आदेश पास हो जाता है, लेकिन रसीद/रिकॉर्ड में बदलाव नहीं दिखता।

  • अधिकारी जानबूझकर या लापरवाही से अपडेट करने में देर करते हैं।

👉 ऐसे में आपको क्या करना चाहिए?
आइए इसे स्टेप-बाय-स्टेप और आसान भाषा में समझते हैं।


 सबसे पहले यह जांचें:

✅ क्या आपने पूरा आवेदन सही तरीके से भरा है?
✅ क्या सभी जरूरी दस्तावेज़ लगाए गए हैं?
✅ क्या आपको आवेदन की रसीद / नंबर मिला है?
✅ क्या निर्धारित समयसीमा (RTPS Act के अनुसार) बीत चुकी है?

👉 यदि हाँ, और फिर भी रिकॉर्ड अपडेट नहीं हुआ, तो आगे बढ़ें।


 पहला कदम: संबंधित अंचल कार्यालय से फॉलो-अप

  1. जिस अंचल/राजस्व कार्यालय में आवेदन दिया है, वहाँ जाएँ।

  2. आवेदन की रसीद या केस नंबर दिखाकर स्थिति पूछें।

  3. लिखित रूप से "स्टेटस रिपोर्ट" माँगें।

  4. यदि अधिकारी मौखिक बहाना दें, तो लिखित शिकायत दर्ज करें।


 दूसरा कदम: RTPS Act का सहारा लें

बिहार में Right to Public Service (RTPS) के तहत:

  • नामांतरण (Mutation), दाखिल-खारिज, जमाबंदी अपडेट की समयसीमा तय है।

  • यदि निर्धारित समय में अपडेट नहीं होता है तो यह सेवा में देरी (Service Delay) माना जाएगा।

👉 ऐसे में आप:

  • प्रथम अपील – SDO (Sub-Divisional Officer) के पास करें।

  • द्वितीय अपील – DDC या ADM (Land Reforms) के पास कर सकते हैं।


 तीसरा कदम: भू–जन शिकायत पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत

सरकार ने इसके लिए भू–जन शिकायत पोर्टल बनाया है।

 लिंक: https://biharbhumi.bihar.gov.in/BiharBhumi/

👉 श्रेणी चुनें:

  • "नामांतरण में देरी"

  • "रिकॉर्ड अपडेट नहीं हुआ"

 अपलोड करें:

  • खतियान/जमाबंदी कॉपी

  • आवेदन रसीद

  • दाखिल-खारिज आदेश (यदि है)

  • पहचान पत्र

इससे शिकायत सीधे जिला अधिकारी/राजस्व विभाग तक जाएगी।


 चौथा कदम: शिकायत अधिकारी और DCLR से संपर्क

  1. जिले में भूमि सुधार से जुड़े अधिकारी – DCLR (Deputy Collector Land Reforms) से मिलें।

  2. लिखित शिकायत दें और रिसीविंग कॉपी लें।

  3. RTI (Right to Information) लगाकर पूछें –
    “मेरा भूमि रिकॉर्ड अब तक क्यों अपडेट नहीं हुआ?”

👉 RTI का असर सबसे तेज़ होता है, क्योंकि अधिकारी को जवाब देना ही होगा।


 पाँचवाँ कदम: सिविल कोर्ट / हाई कोर्ट का रास्ता

अगर सभी विभागों से शिकायत के बाद भी:

  • रिकॉर्ड अपडेट नहीं होता

  • अधिकारी जानबूझकर रोकते हैं

  • भ्रष्टाचार या गड़बड़ी की आशंका है

तो आप:

  • सिविल कोर्ट में केस कर सकते हैं।

  • हाई कोर्ट में रिट याचिका (Writ Petition) दाखिल कर सकते हैं।

👉 कोर्ट अधिकारी को आदेश देगा कि भूमि रिकॉर्ड तुरंत अपडेट किया जाए।


 जरूरी दस्तावेज़ (हर स्टेप पर काम आएंगे)

  • खतियान / जमाबंदी कॉपी

  • दाखिल-खारिज आदेश / Mutation Slip

  • लगान रसीद

  • नक्शा

  • आवेदन की रिसीविंग / रसीद नंबर

  • RTI आवेदन की कॉपी

  • फोटो / गवाह (यदि कब्ज़ा विवाद जुड़ा हो)


🚫 क्या न करें?

✘ खुद से रजिस्टर या रिकॉर्ड में बदलाव करने की कोशिश न करें।
✘ दलालों/बिचौलियों पर भरोसा न करें।
✘ मौखिक शिकायतों पर भरोसा न करें, हमेशा लिखित सबूत रखें।
✘ ज्यादा देरी न करें – समय पर अपील करें।


✔️ क्या ज़रूर करें?

✅ हर आवेदन की रसीद और केस नंबर सुरक्षित रखें।
✅ लिखित शिकायत और उसकी कॉपी अपने पास रखें।
✅ RTI और भू–जन शिकायत पोर्टल का उपयोग करें।
✅ वकील या कानूनी सलाहकार से समय पर राय लें।
✅ अगर भ्रष्टाचार दिखे तो विजिलेंस या लोक शिकायत प्रकोष्ठ में शिकायत करें।


 प्रैक्टिकल उदाहरण:

रामजी प्रसाद ने नामांतरण का आवेदन दिया।

  • 6 महीने तक कुछ अपडेट नहीं हुआ।

  • उन्होंने भू–जन शिकायत पोर्टल पर केस डाला।

  • RTI लगाई → जवाब आया कि "फाइल अटकी हुई थी"।

  • DCLR ने आदेश दिया और 15 दिन में नाम अपडेट हो गया।

👉 सबक: धैर्य + दस्तावेज़ + सही प्लेटफ़ॉर्म = समाधान।


 एक्स्ट्रा टिप्स (सफल शिकायत के लिए)

  1. आवेदन देते समय मोबाइल नंबर जरूर लिखें।

  2. हर स्टेप पर SMS/Email अलर्ट ऑन रखें।

  3. शिकायत को बार-बार रिमाइंड करें –
    “Reminder Application” भी जमा कर सकते हैं।

  4. लोक सेवा गारंटी अधिनियम (RTPS) के बोर्ड/पोस्टर देखें –
    वहाँ तय समयसीमा लिखी होती है।


 क्या आपका भूमि रिकॉर्ड (खतियान/जमाबंदी/नामांतरण) अब तक अपडेट नहीं हुआ?

अगर अधिकारी भूमि रिकॉर्ड अपडेट नहीं करते हैं तो:

  • पहले अंचल स्तर पर फॉलो-अप करें।

  • RTPS Act और भू–जन शिकायत पोर्टल का उपयोग करें।

  • RTI और कोर्ट के रास्ते भी खुले हैं।

👉 याद रखें – भूमि आपके अधिकार की संपत्ति है।
इसे अपडेट करवाना आपका हक है और सरकार की जिम्मेदारी।

#LandRecord #BiharLand #RTPS #ProgressIndia


✍️ अगला आर्टिकल पढ़ें:


 FAQ – भूमि रिकॉर्ड अपडेट न होने पर क्या करें?

1. भूमि रिकॉर्ड अपडेट क्यों जरूरी है?

भूमि रिकॉर्ड अपडेट होने से मालिकाना हक साफ़ होता है, भविष्य में विवाद कम होते हैं और आप जमीन को बेचने/बंधक रखने में कानूनी रूप से सुरक्षित रहते हैं।


2. अगर नामांतरण (Mutation) अपडेट नहीं हुआ तो क्या करें?

  • संबंधित अंचल कार्यालय में लिखित आवेदन दें।

  • RTPS Act के तहत अपील कर सकते हैं।

  • भू–जन शिकायत पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।


3. भूमि रिकॉर्ड अपडेट न करने पर अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो सकती है?

RTPS (Right to Public Service Act) के तहत देरी या लापरवाही पर संबंधित अधिकारी पर जुर्माना लगाया जा सकता है और जिम्मेदारी तय की जा सकती है।


4. क्या RTI (सूचना का अधिकार) से मदद मिल सकती है?

हाँ ✅ RTI लगाकर आप जान सकते हैं कि आपका म्यूटेशन या रिकॉर्ड अपडेट किस स्टेज पर अटका है और क्यों।


5. अगर भू–जन शिकायत पोर्टल से भी समस्या हल न हो तो क्या करें?

  • आप सिविल कोर्ट में केस कर सकते हैं।

  • कोर्ट आदेश से अधिकारियों को भूमि रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए बाध्य किया जा सकता है।


6. क्या बिना भूमि रिकॉर्ड अपडेट किए जमीन बेची जा सकती है?

तकनीकी रूप से संभव है, लेकिन कानूनी रूप से जोखिमपूर्ण है। भविष्य में खरीदार विवाद खड़ा कर सकता है। इसलिए पहले भूमि रिकॉर्ड अपडेट कराना ही सुरक्षित है।


7. भूमि रिकॉर्ड अपडेट में कितना समय लगता है?

RTPS Act के अनुसार सामान्यत: नामांतरण (Mutation) या भूमि रिकॉर्ड अपडेट 30–45 दिन में पूरा हो जाना चाहिए।

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