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संजीवन रोडमैप और शिशु-मातृ स्वास्थ्य पहल: जीवन से जुड़ी योजनाओं की नई दिशा

"एक सरकारी अस्पताल में नवजात को गोद में लिए मुस्कुराती माँ, पास में आशा कार्यकर्ता – संजीवन रोडमैप और शिशु-मातृ स्वास्थ्य पहल के अंतर्गत सुरक्षित प्रसव और देखभाल का दृश्य।"


संजीवन रोडमैप और शिशु-मातृ स्वास्थ्य पहल: जीवन से जुड़ी योजनाओं की नई दिशा


प्रस्तावना: जीवन की शुरुआत जहाँ सरकार सहारा बनती है

कल्पना कीजिए एक ग्रामीण आदिवासी महिला की, जो अपने पहले बच्चे को जन्म देने के लिए एक कच्चे रास्ते से 25 किलोमीटर दूर शहर के अस्पताल जाती है। वह अनपढ़ है, लेकिन उसके पास जननी सुरक्षा कार्ड है, टीकाकरण रिकॉर्ड है और सरकारी ममता किट भी मिली है। यह कोई फिल्मी दृश्य नहीं, बल्कि आज के मध्य प्रदेश की बदलती सच्चाई है – और इसके पीछे है संजीवन रोडमैप और शिशु-मातृ स्वास्थ्य पहलें।

मध्य प्रदेश सरकार ने यह समझा है कि स्वस्थ माँ ही स्वस्थ समाज की जननी होती है, और हर नवजात एक नई आशा लेकर आता है। इसी सोच ने जन्म दिया है एक ठोस, संवेदनशील और समग्र योजना को – संजीवन (Sanjivan) रोडमैप


क्या है संजीवन रोडमैप?

संजीवन रोडमैप मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक बहुआयामी रणनीति है, जिसका उद्देश्य राज्य में मातृ मृत्यु दर (MMR) और शिशु मृत्यु दर (IMR) को कम करना है। यह रोडमैप केवल अस्पतालों या स्वास्थ्य कर्मियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पूरे तंत्र – ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पोषण सेवाएँ, चिकित्सा तकनीक, शिक्षा और जनजागरूकता – को जोड़ा गया है।

यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), यूनिसेफ, WHO जैसे संगठनों के सहयोग से क्रियान्वित की जा रही है।


क्यों है यह ज़रूरी?

2016 तक मध्य प्रदेश देश के उच्चतम शिशु मृत्यु दर वाले राज्यों में शामिल था। कई नवजात जन्म के कुछ ही दिनों में दम तोड़ देते थे। माताओं की प्रसव के दौरान मृत्यु आम थी, विशेषकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में।

इन हालात को बदलने के लिए एक रोडमैप की जरूरत थी, जो दीर्घकालिक हो, व्यवहारिक हो और मानवीय हो। और यही है – संजीवन


प्रमुख उद्देश्य

  • माताओं और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में सतत कमी लाना

  • प्रत्येक गर्भवती महिला और नवजात को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा देना

  • संवेदनशील और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना

  • पोषण, शिक्षा और स्वच्छता से जुड़ी सहायक योजनाओं को एकीकृत करना


क्या-क्या शामिल है संजीवन रोडमैप में?

1. जननी सुरक्षा योजना और जननी एक्सप्रेस सेवा

गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त प्रसव सेवा, साथ ही जननी एक्सप्रेस से समय पर अस्पताल पहुँचने की व्यवस्था। अब तक लाखों महिलाओं ने इस सेवा का लाभ लिया है।

2. ममता अभियान और ममता किट

हर गर्भवती महिला को टीकाकरण, नियमित जांच और पौष्टिक आहार से जुड़ी जानकारी के साथ एक ममता किट दी जाती है, जिसमें साबुन, सैनिटरी पैड, बेबी ऑयल, तौलिया और दस्ताने होते हैं।

3. नवजात गहन चिकित्सा इकाइयाँ (SNCU)

हर जिला अस्पताल और बड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नवजात शिशुओं के लिए विशेष इकाइयाँ स्थापित की गई हैं, जो प्रीमैच्योर बच्चों और जटिल डिलीवरी केसों को संभालती हैं।

4. 108 एम्बुलेंस सेवा

इमरजेंसी में त्वरित एम्बुलेंस सेवा, जो ग्रामीण क्षेत्रों तक भी सुगमता से पहुँचती है।

5. आंगनबाड़ी सेवाओं का एकीकरण

ICDS और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं को पोषण, स्तनपान, और शिशु देखभाल की ट्रेनिंग दी जाती है।


तकनीक और नवाचार: डिजिटल भारत का स्वास्थ्य पक्ष

  • mMCTS (मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम): मोबाइल बेस्ड एप्लिकेशन से हर गर्भवती महिला और नवजात की निगरानी।

  • e-Upchar पोर्टल: अस्पतालों की रिपोर्टिंग और रिकॉर्डिंग में पारदर्शिता।

  • आयुष्मान भारत के साथ एकीकरण: गंभीर मामलों में कैशलेस इलाज।


ज़मीनी स्तर की मानवीय कहानियाँ

गोमती बाई, मंडला

"पहले हमें पता ही नहीं चलता था कि जच्चा को कब अस्पताल ले जाना है। पर अब आशा दीदी हर महीने आती हैं, चेकअप कराती हैं, और जननी एक्सप्रेस बुलवा देती हैं। मेरी बेटी सुरक्षित अस्पताल में पैदा हुई – यह सरकार की देन है।"

सुरेश, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिवपुरी

"पहले बच्चे कमज़ोर होते थे, टीकाकरण नहीं होता था। अब गाँव की हर माँ को हम गर्भावस्था के पहले महीने से रजिस्टर करते हैं। सरकार ने हमें एक ताकत दी है – दूसरों के जीवन को बचाने की।"


आकड़े जो भरोसा जगाते हैं (2024 तक)

संकेतक

2016

2024

मातृ मृत्यु दर (MMR)

221 प्रति लाख

130 प्रति लाख

शिशु मृत्यु दर (IMR)

51 प्रति 1000

34 प्रति 1000

संस्थागत प्रसव

60%

89%

टीकाकरण कवरेज

65%

92%


अन्य पूरक योजनाएँ

  • मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना – नवजात के पहले 1,000 दिन के लिए सहायता

  • पोषण अभियान – कुपोषण हटाने के लिए विशेष ग्राम स्तरीय प्रयास

  • बाल सुरक्षा योजना – नवजात की मृत्यु के मामले में परिवार को सहायता


चुनौतियाँ और समाधान

चुनौती

सरकार की पहल

ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी

टेलीमेडिसिन और मोबाइल हेल्थ यूनिट्स

माताओं में जागरूकता की कमी

ममता चौपाल, महिला ग्राम सभा

अस्पतालों में संसाधनों की कमी

बजट बढ़ोतरी और PPP मॉडल


भविष्य की दिशा

  • 2028 तक MMR और IMR को WHO मानकों तक लाना

  • हर ब्लॉक में सुपर स्पेशल नवजात इकाई स्थापित करना

  • AI आधारित हेल्थ ट्रैकिंग सिस्टम विकसित करना

  • पोषण-स्वास्थ्य शिक्षा के लिए मोबाइल स्कूल वैन


निष्कर्ष: जब एक माँ सुरक्षित हो, तभी समाज सुरक्षित होता है

संजीवन रोडमैप और शिशु-मातृ स्वास्थ्य योजनाएँ सिर्फ एक योजना नहीं, यह एक सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन है।
एक माँ जब सुरक्षित महसूस करती है, तो वह न केवल जीवन देती है, बल्कि समाज के भविष्य को मजबूत करती है।

मध्य प्रदेश सरकार ने यह समझा है –
"एक बच्चा स्वस्थ तभी होता है जब उसकी माँ सुरक्षित, जागरूक और समर्थ होती है।"
और यही समझ, यही संवेदना, संजीवन को एक रोडमैप से जनकल्याण का जीवनदायिनी अभियान बनाती है।


न बचाने का सिस्टम!"

 शिशु देखभाल |  मातृ स्वास्थ्य |  अस्पताल सेवाएँ

#SanjivanMP #SafeMotherhood #MPHealthMission

दीनदयाल मोबाइल हेल्थ क्लिनिक – अब हर गाँव और कस्बे तक पहुँचेगी स्वास्थ्य सेवा, एक मोबाइल अस्पताल के रूप में

मुख्यमंत्री सुषेण संजीवनी योजना – आपातकालीन मेडिकल ट्रांसपोर्ट और जीवनरक्षक सेवाएं अब हर जरूरतमंद के लिए सुलभ

मध्य प्रदेश की प्रमुख स्वास्थ्य योजनाएँ – अस्पताल सुविधा, बीमा सुरक्षा और दूरस्थ सेवाओं की नई दिशा



संजीवन रोडमैप और शिशु-मातृ स्वास्थ्य पहल – FAQs

संजीवन रोडमैप और शिशु-मातृ स्वास्थ्य पहल – सामान्य प्रश्न

1. संजीवन रोडमैप क्या है?
यह एक राज्य-स्तरीय रणनीति है, जिसका उद्देश्य मध्य प्रदेश में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करना है। यह स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण, जागरूकता और तकनीक का समन्वित उपयोग करता है।
2. इस योजना के तहत कौन-कौन सी सेवाएँ मिलती हैं?
इसमें जननी सुरक्षा योजना, ममता किट, नवजात गहन चिकित्सा इकाइयाँ (SNCU), 108 एम्बुलेंस सेवा, टीकाकरण, पोषण सलाह, और डिजिटल ट्रैकिंग जैसी सेवाएँ शामिल हैं।
3. क्या ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी इसका लाभ मिलता है?
हाँ, यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं व बच्चों के लिए बनाई गई है। आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेवाओं के माध्यम से हर गाँव तक पहुँच बनाई गई है।
4. शिशु स्वास्थ्य के लिए कौन-कौन से टीके शामिल हैं?
BCG, OPV, DPT, Measles, Pentavalent जैसे टीके सरकार द्वारा मुफ्त लगाए जाते हैं। सभी शिशुओं का टीकाकरण mMCTS पोर्टल पर ट्रैक किया जाता है।
5. योजना का लाभ लेने के लिए कहां संपर्क करें?
नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), या जिला अस्पताल में संपर्क किया जा सकता है। 104 हेल्पलाइन से भी जानकारी मिलती है।

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