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प्रोमोशनल और इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम – मध्य प्रदेश में स्कूलों की गुणवत्ता और संरचना सुधार की दिशा में ठोस कदम

"मध्य प्रदेश के एक सरकारी स्कूल में साफ-सुथरी कक्षाएं, रंगीन दीवारें और पढ़ते हुए बच्चे – शिक्षा ढांचे में सुधार को दर्शाता दृश्य।"
प्रोमोशनल और इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम के अंतर्गत बदले सरकारी स्कूल

प्रोमोशनल और इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम – शिक्षा में गुणवत्ता और संरचना सुधार

मध्य प्रदेश सरकार ने स्कूलों की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। इनका लक्ष्य है बच्चों को बेस्ट शिक्षा, सुविधाएँ और समग्र विकास देना।

शिक्षा केवल किताबों और पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं होती। वह माहौल, संसाधनों, सुविधाओं और उस ढांचे से जुड़ी होती है जिसमें एक बच्चा सीखता है, बढ़ता है और अपने जीवन की दिशा तय करता है। अगर स्कूल की बिल्डिंग जर्जर है, कक्षाएँ अधूरी हैं, शौचालय नहीं हैं, पीने का पानी उपलब्ध नहीं है या पढ़ाई के लिए जरूरी तकनीकी संसाधन नहीं हैं – तो शिक्षा अधूरी रह जाती है, और सपना सिर्फ सपना बनकर रह जाता है।

इसी सच्चाई को समझते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने शिक्षा में सुधार के लिए "प्रोमोशनल और इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम" की शुरुआत की है। यह स्कीम केवल भवन निर्माण या शौचालय बनवाने की नहीं है, बल्कि यह भविष्य को संवारने वाली सोच का हिस्सा है – जहाँ हर बच्चा, चाहे वह किसी भी गाँव, जनजातीय क्षेत्र या शहरी बस्ती में हो, एक समान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के हकदार हो।


स्कूल केवल चारदीवारी नहीं, एक सपना होता है

बहुत से बच्चे ऐसे हैं जो हर दिन कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल आते हैं। वे धूप, बारिश, ठंड की परवाह किए बिना सिर्फ एक उम्मीद लेकर आते हैं – कि स्कूल में कुछ नया सीखने मिलेगा, शिक्षक समय पर आएंगे, और कोई उन्हें यह नहीं कहेगा कि “कक्षा नहीं है”, “ब्लैकबोर्ड नहीं है”, या “पानी खत्म हो गया”।

सरकार की इस स्कीम का उद्देश्य ऐसे ही बच्चों को सशक्त करना है। स्कूलों में अब मजबूत इमारतें, फर्नीचर, स्वच्छ टॉयलेट, लड़कियों के लिए अलग सुविधाएं, पीने का स्वच्छ जल, खेल के मैदान, और स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं।


1. Excellence Schools & Model Schools

  • Excellence Schools: हर ज़िले और ब्लॉक मुख्यालय पर एक-एक स्कूल को ‘Excellence School’ बनाया गया है।

    • 43 ज़िलों और 196 ब्लॉकों में इन विद्यालयों ने 1.45 लाख से ज़्यादा छात्रों को लाभ दिया है।

    • ये स्कूल भर्ती, तकनीकी सुविधाएँ और बेहतर शिक्षण संसाधनों से लैस हैं .

  • Model Schools: शैक्षिक रूप से पिछड़े ब्लॉकों में कक्षा 6–12 के लिए चुने गए हैं।

    • अब तक 54,795 छात्र इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं, जिसमें उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और संसाधन मिलते हैं .


2. CM Rise Schools

  • मुख्यमंत्री की पहल से लगभग 9,200 स्कूलों को दो चरणों में आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है .

  • सुविधाओं में शामिल हैं: स्मार्ट क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी, खेल के मैदान और सुरक्षित बिल्डिंग।


3. PM SHRI Scheme

  • यह केंद्र एवं राज्य सहयोग से चलाई जा रही है, जिसमें 730 से 553 से लेकर 730 तक के सरकारी स्कूल को चुना गया है स्कूलों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, प्रयोगशालाएँ, सौर ऊर्जा, साफ़ पानी, स्वच्छता और पर्यावरणीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं .


4. Anand Sabha सत्र (Weekly emotional wellbeing session)

  • 2025–26 से कक्षा 9 और 10 के लिए हर शनिवार पहली पारी में ‘Anand Sabha’ नाम से एक साप्ताहिक सत्र शुरू किया गया है।

  • इसमें कहानी, खेल और मानसिक स्वास्थ्य गतिविधियों के ज़रिए बच्चों की भावनात्मक और सामाजिक समझ को मजबूत किया जाएगा 


5. स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर रिपोर्ट

  • UDISE+ रिपोर्ट में यह पाया गया कि MP के सरकारी स्कूल सुविधाओं में निजी स्कूलों के क़रीब पहुँच चुके हैं: (98% में पानी, 97% जेंडर-विशिष्ट शौचालय, 82% मैदान, 57% कंप्यूटर, 54% इंटरनेट) 


कुल मिलाकर, ये योजनाएँ मिलकर क्या कर रही हैं?

  • स्ट्रक्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर: स्मार्ट क्लास, लैब, खेल, जैविक साझा.

  • शैक्षिक सुधार: मास्टर ट्रेनर, शिक्षक प्रशिक्षण, जीवन कौशल सत्र।

  • डिजिटल और पर्यावरणीय सुविधाएँ: इ-किताब, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, सौर ऊर्जा।

  • ड्रॉप-आउट को रोकना: आनंद सभा जैसी गतिविधियों से बच्चों में जुड़ाव बना रहे।

जमीनी बदलावों की झलक

 प्रोमोशनल और इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम – शिक्षा का भविष्य संवारती मध्यप्रदेश सरकार की पहल, जब किसी गाँव के सरकारी स्कूल में पहली बार प्रोजेक्टर से वीडियो के माध्यम से विज्ञान पढ़ाया जाता है, तब बच्चे सिर्फ पढ़ते नहीं, जीते हैं उस ज्ञान को। जब किसी बच्ची को पहली बार स्कूल में खुद के लिए स्वच्छ शौचालय मिलता है, तो वह अपनी पढ़ाई के बारे में और ज़्यादा आत्मविश्वास से सोचने लगती है।

नीमच जिले के एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका रेखा दीदी बताती हैं –
"पहले हमारे पास सिर्फ दो कमरे थे, बारिश में पानी भर जाता था। अब नई बिल्डिंग बनी है, बच्चों के लिए डेस्क, फैन और पीने का RO वाटर है। लड़कियाँ अब नियमित आ रही हैं। ये बदलाव सिर्फ इमारत में नहीं, उनके आत्मविश्वास में भी दिखता है।"

सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत

इस स्कीम की सबसे बड़ी खूबी यही है कि यह शिक्षा को सिर्फ शिक्षा नहीं मानती, बल्कि इसे सामाजिक बदलाव का औज़ार समझती है।

  • पहले जहाँ गाँवों के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 50–60% होती थी, अब स्मार्ट सुविधाओं और बेहतर भवनों के बाद यह बढ़कर 80–90% तक पहुँच रही है।

  • डिजिटल लर्निंग से बच्चों में जिज्ञासा और सीखने की रुचि बढ़ी है।

  • माता-पिता का भरोसा सरकारी स्कूलों पर लौट रहा है।


जनजातीय क्षेत्रों पर विशेष ध्यान

मध्य प्रदेश के आदिवासी और पिछड़े जिलों में भी इन योजनाओं का प्रभाव दिख रहा है। धार, अलीराजपुर, मंडला जैसे जिलों में पहाड़ी इलाकों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए स्कूलों में सोलर लाइट, डिजिटल किट्स और शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


"अच्छी शिक्षा सिर्फ किताबों से नहीं, अच्छे माहौल से भी मिलती है – MP सरकार बना रही है स्मार्ट स्कूल, बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए!"
 

स्मार्ट क्लास |  स्कूल फर्नीचर |  स्वच्छ शौचालय |  डिजिटल लर्निंग
#MPShikshaYojana #SchoolInfraMP #QualityEducation2025

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प्रोमोशनल और इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम – शिक्षा सुधार

FAQ

1. यह स्कीम क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
यह योजना मध्य प्रदेश में सरकारी शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता सुधार और स्कूलों की भौतिक संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) को मजबूत करने के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य छात्रों को एक अच्छा और प्रेरणादायक शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराना है।
2. किन क्षेत्रों में सुधार किया जा रहा है?
इसमें विद्यालय भवनों का जीर्णोद्धार, स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लर्निंग टूल्स, छात्र-शौचालय, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं और खेल सुविधाओं को उन्नत किया जा रहा है।
3. इस योजना से किन छात्रों को लाभ मिलेगा?
प्रदेश के सभी सरकारी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के छात्र इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, विशेष रूप से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के विद्यार्थी।
4. योजना के तहत कौन-कौन से तकनीकी नवाचार किए जा रहे हैं?
स्मार्ट बोर्ड, टैबलेट आधारित शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, AI-आधारित मूल्यांकन प्रणाली, और वर्चुअल क्लासरूम जैसी तकनीकों को अपनाया जा रहा है।
5. इस योजना की निगरानी और क्रियान्वयन कौन करता है?
योजना का क्रियान्वयन राज्य शिक्षा केंद्र (RMSA, SSA) और लोक निर्माण विभाग (PWD) के सहयोग से किया जाता है। जिला शिक्षा अधिकारी और स्कूल प्रबंधन समितियाँ स्थानीय स्तर पर निगरानी करती हैं।
6. आम जनता इस योजना में कैसे भाग ले सकती है?
स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) के माध्यम से अभिभावक और स्थानीय समाज के लोग स्कूल सुधार में सहयोग कर सकते हैं। CSR और NGO के लिए भी भागीदारी का अवसर है।


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