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स्कूल हेल्थ प्रोग्राम: बच्चों की सेहत, पढ़ाई के साथ पूरी देखभाल

  School Health Program — स्वस्थ छात्र, सुनहरा भविष्य

“जब बच्चे स्वस्थ होंगे, तभी तो देश मजबूत होगा।”


स्कूल में पढ़ाई ज़रूरी है,
लेकिन उससे भी ज़रूरी है — बच्चों की सेहत का ध्यान।

दिल्ली सरकार ने यही सोचकर शुरू किया 
स्कूल हेल्थ प्रोग्राम (School Health Program)
एक ऐसी पहल जो कहती है:

"स्कूल में किताबें ही नहीं, सेहत की भी क्लास चलेगी।”


 इस कार्यक्रम का उद्देश्य:

  • दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों की नियमित स्वास्थ्य जांच करना

  • बीमारियों की पहचान समय रहते करना और इलाज की सुविधा देना

  • बच्चों और अभिभावकों को स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना


 इस प्रोग्राम के अंतर्गत क्या-क्या होता है?

सेवा विवरण
सालाना हेल्थ चेकअप हर छात्र का मेडिकल रिकॉर्ड तैयार किया जाता है
आंखों की जांच ज़रूरत पर फ्री चश्मा दिया जाता है
दांतों की जांच स्क्रिनिंग, ब्रशिंग की शिक्षा
मानसिक स्वास्थ्य परामर्श तनाव, पढ़ाई का दबाव, व्यवहार से जुड़े मुद्दों पर बातचीत
पोषण पर शिक्षा क्या खाना चाहिए, क्या नहीं — इसकी जानकारी
हेल्थ एंड हाइजीन क्लासेज़ शरीर की सफाई, बाल्यकाल स्वास्थ्य, मासिक धर्म की जानकारी
जरूरत पड़ने पर सरकारी अस्पताल में रेफर बिना खर्च के आगे का इलाज सुनिश्चित

 किन छात्रों को शामिल किया जाता है?

  • दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों के छात्र

  • कक्षा 1 से 12 तक के सभी बच्चे

  • प्राइवेट स्कूलों के लिए भी भविष्य में योजना बढ़ाई जा सकती है


 कौन-कौन होते हैं इसमें शामिल?

  • सरकारी डॉक्टर और नर्स

  • प्रशिक्षित हेल्थ वॉलंटियर

  • स्कूल शिक्षक और प्रिंसिपल

  • माता-पिता को भी समय-समय पर जोड़ा जाता है


 एक सच्ची कहानी:

“मेरी बेटी को हमेशा सिरदर्द रहता था, हम नजरअंदाज़ कर रहे थे।
स्कूल हेल्थ प्रोग्राम में जांच हुई — पता चला चश्मे की ज़रूरत है।
अब वह साफ देख पाती है और पढ़ाई में मन लगाती है।”

रचना, एक अभिभावक, करावल नगर


 क्या कुछ लाना होता है?

  • नहीं, यह पूरी तरह स्कूल के माध्यम से किया जाता है

  • बच्चों का हेल्थ कार्ड बनता है, जिसे अभिभावकों को भी दिखाया जाता है


 यह कब होता है?

  • हर स्कूल में साल में कम से कम एक बार हेल्थ कैंप

  • ज़रूरत पड़ने पर Follow-up विज़िट और उपचार


 क्यों है यह योजना खास?

“क्योंकि स्कूल सिर्फ पढ़ने की जगह नहीं है —
यह बच्चों को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाने का केंद्र है।”



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