Skip to main content

स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा और इंटर्नशिप: हर छात्र को भविष्य के लिए तैयार करना

  व्यावसायिक कौशल एवं इंटर्नशिप — जब स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ ज़िंदगी की तैयारी भी होती है

“डिग्री के साथ हुनर हो, तो नौकरी नहीं, पहचान मिलती है।”


स्कूलों में हम सबने मैथ, साइंस, हिस्ट्री तो पढ़ी —
लेकिन क्या कभी किसी ने हमें सिखाया कि रिज़्यूमे कैसे बनाते हैं?
इंटरव्यू में क्या बोलना चाहिए?
या फिर किसी कंपनी में काम कैसे होता है?

दिल्ली सरकार ने ये कमी समझी — और पूरी भी की।
इसलिए शुरू की गई 👉 व्यावसायिक कौशल एवं इंटर्नशिप योजना
ताकि स्कूल में पढ़ते-पढ़ते ही बच्चे ज़िंदगी की असली दुनिया के लिए तैयार हो सकें।


 इस योजना का मकसद क्या है?

सरकारी स्कूलों के छात्रों को
स्कूल के साथ-साथ
प्रैक्टिकल स्किल्स और
वर्क एक्सपीरियंस देना,
ताकि वो सिर्फ अच्छे छात्र नहीं, स्मार्ट प्रोफेशनल भी बनें।


 क्या-क्या सिखाया जाता है?

व्यावसायिक कौशल (Life & Work Skills):

  • कम्युनिकेशन स्किल्स

  • टीमवर्क और लीडरशिप

  • ईमेल और रिपोर्ट लिखना

  • टाइम मैनेजमेंट

  • इंटरव्यू की तैयारी

  • और... "खुद पर भरोसा करना"

प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग:

  • बच्चे खुद छोटे-छोटे बिज़नेस आइडिया पर काम करते हैं

  • स्कूल में रहते हुए ही उन्हें एंटरप्रेन्योरशिप का अनुभव दिया जाता है


इंटर्नशिप क्या होती है?

"इंटर्नशिप यानी सीखना — असली दुनिया से, असली लोगों के साथ।"

कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों को
दिल्ली सरकार, प्राइवेट कंपनियों, NGOs या सरकारी विभागों में
👉 गर्मी की छुट्टियों में 15-20 दिन की इंटर्नशिप दी जाती है।

इसमें बच्चे असल दफ्तरों में जाकर

  • काम करना

  • सीखना

  • और खुद को निखारना सीखते हैं।


 स्कॉलरशिप भी मिलती है!

  • इंटर्नशिप करने वाले छात्रों को ₹5,000 तक की प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है

  • ताकि वे महसूस करें कि उनकी मेहनत की भी क़ीमत है


 बच्चों की ज़ुबानी:

“पहली बार किसी दफ्तर में गई, कॉन्फिडेंस ही कुछ और था। अब पता है कि आगे क्या बनना है।”
प्रीति, कक्षा 12वीं, सरकारी स्कूल

“इंटरव्यू से डरता था, अब बात करना आता है। रिज़्यूमे भी खुद बना लिया।”
अमन, कक्षा 11वीं


 यह योजना क्यों ज़रूरी है?

क्योंकि पढ़ाई सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं होती —
जिंदगी में काम आने वाला अनुभव, आत्मविश्वास और व्यवहार भी उतना ही जरूरी है।
और यही ये योजना बच्चों को स्कूल में ही सिखा देती है।


“एक स्किल, एक इंटर्नशिप — और एक सोच कि
अब हम सिर्फ नौकरी खोजने वाले नहीं,
ज़रूरत पड़े तो नौकरी देने वाले भी बन सकते हैं।”


अगर आप जानना चाहते हैं कि ये इंटर्नशिप आपके बच्चे को कैसे मिलेगी, क्या स्किल सिखाए जा रहे हैं, या रजिस्ट्रेशन कैसे होता है —
तो बताइए, मैं आपको पूरा रास्ता समझा दूँगा। 

Comments

Popular posts from this blog

Sabla / Kishori Balika Yojana – किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम

सबल योजना / किशोरी बालिका योजना: बेटियों के स्वावलंबन की राह  भारत जैसे देश में जहां बेटियाँ एक तरफ देवी का रूप मानी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कई बार उन्हें शिक्षा, पोषण और सम्मान से वंचित भी रहना पड़ता है। एक किशोरी के जीवन में जब उसका शरीर और मन कई बदलावों से गुजरता है, तब उसे सबसे ज़्यादा मार्गदर्शन, पोषण, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसी संवेदना और ज़रूरत को समझते हुए भारत सरकार ने सबल योजना (जिसे किशोरी बालिका योजना भी कहा जाता है) की शुरुआत की — ताकि देश की बेटियाँ न सिर्फ स्वस्थ रहें, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनें। किशोरी – एक संवेदनशील मोड़ जब कोई बच्ची 11-18 साल की उम्र में प्रवेश करती है, तो यह उसका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सबसे संवेदनशील और निर्णायक समय होता है। इस उम्र में वह न तो पूरी तरह से बच्ची रहती है, न पूरी तरह से वयस्क। वह अपनी पहचान, आत्म-विश्वास और समाज में अपने स्थान को लेकर संघर्ष कर रही होती है। ग्रामीण भारत में स्थिति और भी कठिन है — यहाँ अधिकांश किशोरियाँ या तो स्कूल छोड़ चुकी होती हैं, या घरेलू जिम्मेदारियों में डूब चुकी होती हैं। उन्हे...

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 – किसानों की समृद्धि

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – किसानों के समृद्धि की नई उम्मीद भारत की आत्मा गांवों में बसती है, और गांवों की आत्मा हमारे किसान हैं। हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ खेतों में हल जोतता किसान, तपती दोपहर में फसलों को सींचता किसान और रात के अंधेरे में भी अपने खेत की रखवाली करता किसान — यही तो हैं हमारे देश की असली रीढ़। ऐसे में जब केंद्र सरकार किसानों की स्थिति सुधारने और उनकी आमदनी दोगुनी करने की बात करती है, तो यह सिर्फ एक नीति नहीं होती, बल्कि करोड़ों उम्मीदों की नींव होती है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना? प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है — किसानों की आय बढ़ाना, फसलों की उत्पादकता सुधारना, और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश करना। यह योजना किसानों को बेहतर बीज, सस्ती दरों पर उर्वरक, सिंचाई की सुविधा, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और फसल की सही कीमत दिलाने में मदद करती है। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि भारत का हर किसान आत्मनिर्भर बन...

नया राशन कार्ड बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन गाइड 2025

ऑनलाइन राशन कार्ड आवेदन करते महिला नया राशन कार्ड कैसे बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके राशन कार्ड केवल एक दस्तावेज नहीं है, यह आम आदमी के अधिकारों और गरिमा की पहचान है। भारत जैसे देश में, जहाँ करोड़ों परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारते हैं, राशन कार्ड उनके लिए सरकारी सहायता का प्रमुख जरिया है। यह न केवल सस्ता अनाज पाने का हक देता है, बल्कि पहचान, निवास प्रमाण और कई सरकारी योजनाओं से जुड़ने का ज़रिया भी बनता है। ऐसे में यदि आपके पास राशन कार्ड नहीं है, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। यहाँ हम सरल भाषा में बताएंगे कि नया राशन कार्ड कैसे बनवाएं – वो भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से, ताकि आपकी जेब और समय दोनों की बचत हो। क्यों ज़रूरी है राशन कार्ड? कल्पना कीजिए कि किसी गरीब बुज़ुर्ग महिला को महीने का गुज़ारा करना है – न कोई पेंशन, न कमाई का जरिया। राशन कार्ड के ज़रिए वह महिला सरकार से 1-2 रुपये किलो में अनाज पाती है, जिससे उसका पेट भरता है। इसी तरह, एक मजदूर परिवार को भी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरा करने के लिए सरकारी राशन का सहारा होता है। राशन कार्ड के बिना ये सारी मददे...