Skip to main content

Career Guidance Cells: सही करियर चुनने में हर छात्र के साथ एक मार्गदर्शक

  Career Guidance Cells — जब आपके पास कोई हो यह बताने के लिए कि “क्या सही है आपके लिए”

“हर मंज़िल तक पहुँचने के लिए सिर्फ रास्ता नहीं, एक सही दिशा देने वाला भी चाहिए होता है।”


बहुत बार छात्र सोचते हैं:
"12वीं के बाद क्या करूं?"
"कौन-सा कोर्स करूं?"
"मुझे क्या आता है और मैं किसमें अच्छा हूं?"

और फिर कोई जवाब नहीं मिलता।
नतीजा — बच्चे या तो गलत दिशा में चले जाते हैं, या बीच में पढ़ाई छोड़ देते हैं।

इन्हीं उलझनों को सुलझाने के लिए दिल्ली सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में बनाए 👉
Career Guidance Cells (करियर गाइडेंस सैल)
जहाँ छात्रों को समझा जाता है, सुना जाता है, और फिर रास्ता दिखाया जाता है।


 ये Cells क्या करते हैं?

Career Guidance Cells एक तरह के सलाह केंद्र हैं,
जहाँ बच्चों को ये समझने में मदद मिलती है कि:

  • उनकी रुचि (interest) और क्षमता (ability) क्या है

  • कौन-सा क्षेत्र उनके लिए बेहतर रहेगा

  • कौन-से कोर्स और करियर ऑप्शन खुले हैं

  • आगे की पढ़ाई, स्कॉलरशिप, कोचिंग, स्किल ट्रेनिंग आदि की जानकारी


 क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?

 1. करियर काउंसलिंग सेशन

  • एक-से-एक मीटिंग या ग्रुप डिस्कशन

  • विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन

  • 9वीं से लेकर कॉलेज के छात्रों के लिए

 2. Aptitude & Interest टेस्ट

  • जिससे यह पता चलता है कि छात्र किस फील्ड में बेहतर कर सकता है

  • जैसे: साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स, टेक्निकल, क्रिएटिव, पब्लिक सर्विस आदि

 3. कोर्स और कॉलेज की जानकारी

  • भारत में कौन-कौन से कोर्स हैं

  • दाखिले की प्रक्रिया, योग्यता, फीस, स्कॉलरशिप

  • प्राइवेट vs सरकारी कॉलेज का फर्क

 4. रोज़गार और स्किल ट्रेनिंग की सलाह

  • सरकारी योजना जैसे DSEU, Rozgar Bazaar, कौशल योजना की जानकारी

  • कम पढ़े-लिखे छात्रों के लिए स्वरोज़गार के विकल्प

 5. Parent Counselling सेशन

  • ताकि माता-पिता भी बच्चों को सही दिशा में सपोर्ट कर सकें


 कहाँ मौजूद हैं ये Cells?

  • सभी सरकारी स्कूलों (Class 9–12) में

  • कॉलेजों और ITIs में

  • DSEU (Delhi Skill and Entrepreneurship University) के कैंपस में

  • दिल्ली सरकार के District Employment Offices के ज़रिए


 कैसे जुड़ें?

  1. अपने स्कूल / कॉलेज के शिक्षक या काउंसलर से पूछें

  2. DSEU या Rozgar Bazaar पोर्टल पर अपॉइंटमेंट बुक करें

  3. निकटतम रोजगार केंद्र में संपर्क करें


 उदाहरण:

“मुझे पहले लगा मैं सिर्फ आर्ट्स लेकर टीचर बन सकता हूँ, लेकिन करियर काउंसलिंग से पता चला कि मैं डिजाइनिंग में भी जा सकता हूँ। अब मैं ग्राफिक डिजाइन का कोर्स कर रहा हूँ।”
शालिनी, 12वीं पास, सराय काले खाँ

“काउंसलर ने बताया कि मुझे डेटा और नंबर में रुचि है। आज मैं BBA में हूँ और बैंकिंग की तैयारी कर रहा हूँ।”
तुषार, रोहिणी


 क्यों ज़रूरी है यह?

“क्योंकि करियर का रास्ता परीक्षा के नंबरों से तय नहीं होता —
वो तय होता है आपकी समझ, रुचि और सही सलाह से।”

दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि
हर बच्चा अपने लिए सबसे सही फैसला ले — खुद पर भरोसे के साथ।


 

Comments

Popular posts from this blog

Sabla / Kishori Balika Yojana – किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम

सबल योजना / किशोरी बालिका योजना: बेटियों के स्वावलंबन की राह  भारत जैसे देश में जहां बेटियाँ एक तरफ देवी का रूप मानी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कई बार उन्हें शिक्षा, पोषण और सम्मान से वंचित भी रहना पड़ता है। एक किशोरी के जीवन में जब उसका शरीर और मन कई बदलावों से गुजरता है, तब उसे सबसे ज़्यादा मार्गदर्शन, पोषण, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसी संवेदना और ज़रूरत को समझते हुए भारत सरकार ने सबल योजना (जिसे किशोरी बालिका योजना भी कहा जाता है) की शुरुआत की — ताकि देश की बेटियाँ न सिर्फ स्वस्थ रहें, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनें। किशोरी – एक संवेदनशील मोड़ जब कोई बच्ची 11-18 साल की उम्र में प्रवेश करती है, तो यह उसका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सबसे संवेदनशील और निर्णायक समय होता है। इस उम्र में वह न तो पूरी तरह से बच्ची रहती है, न पूरी तरह से वयस्क। वह अपनी पहचान, आत्म-विश्वास और समाज में अपने स्थान को लेकर संघर्ष कर रही होती है। ग्रामीण भारत में स्थिति और भी कठिन है — यहाँ अधिकांश किशोरियाँ या तो स्कूल छोड़ चुकी होती हैं, या घरेलू जिम्मेदारियों में डूब चुकी होती हैं। उन्हे...

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 – किसानों की समृद्धि

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – किसानों के समृद्धि की नई उम्मीद भारत की आत्मा गांवों में बसती है, और गांवों की आत्मा हमारे किसान हैं। हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ खेतों में हल जोतता किसान, तपती दोपहर में फसलों को सींचता किसान और रात के अंधेरे में भी अपने खेत की रखवाली करता किसान — यही तो हैं हमारे देश की असली रीढ़। ऐसे में जब केंद्र सरकार किसानों की स्थिति सुधारने और उनकी आमदनी दोगुनी करने की बात करती है, तो यह सिर्फ एक नीति नहीं होती, बल्कि करोड़ों उम्मीदों की नींव होती है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना? प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है — किसानों की आय बढ़ाना, फसलों की उत्पादकता सुधारना, और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश करना। यह योजना किसानों को बेहतर बीज, सस्ती दरों पर उर्वरक, सिंचाई की सुविधा, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और फसल की सही कीमत दिलाने में मदद करती है। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि भारत का हर किसान आत्मनिर्भर बन...

नया राशन कार्ड बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन गाइड 2025

ऑनलाइन राशन कार्ड आवेदन करते महिला नया राशन कार्ड कैसे बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके राशन कार्ड केवल एक दस्तावेज नहीं है, यह आम आदमी के अधिकारों और गरिमा की पहचान है। भारत जैसे देश में, जहाँ करोड़ों परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारते हैं, राशन कार्ड उनके लिए सरकारी सहायता का प्रमुख जरिया है। यह न केवल सस्ता अनाज पाने का हक देता है, बल्कि पहचान, निवास प्रमाण और कई सरकारी योजनाओं से जुड़ने का ज़रिया भी बनता है। ऐसे में यदि आपके पास राशन कार्ड नहीं है, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। यहाँ हम सरल भाषा में बताएंगे कि नया राशन कार्ड कैसे बनवाएं – वो भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से, ताकि आपकी जेब और समय दोनों की बचत हो। क्यों ज़रूरी है राशन कार्ड? कल्पना कीजिए कि किसी गरीब बुज़ुर्ग महिला को महीने का गुज़ारा करना है – न कोई पेंशन, न कमाई का जरिया। राशन कार्ड के ज़रिए वह महिला सरकार से 1-2 रुपये किलो में अनाज पाती है, जिससे उसका पेट भरता है। इसी तरह, एक मजदूर परिवार को भी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरा करने के लिए सरकारी राशन का सहारा होता है। राशन कार्ड के बिना ये सारी मददे...