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"MGNREGA: काम का अधिकार, सम्मान की गारंटी"

MGNREGA (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) को एक मानवीय और ज़मीन से जुड़ी भाषा में समझते हैं, ताकि आपको यह योजना सिर्फ कानून न लगे — बल्कि एक अधिकार, एक सम्मानजनक सहारा महसूस हो।


MGNREGA – हर ग्रामीण परिवार के लिए काम और सम्मान की गारंटी

"काम मिलेगा, दाम मिलेगा — और गरिमा से जीने का हक़ मिलेगा"

गांव के गरीब परिवारों को अक्सर काम नहीं मिलता, और पेट भरने के लिए उन्हें शहरों की ओर पलायन करना पड़ता है।
इसी दर्द को समझते हुए सरकार ने शुरू की थी —
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA)


इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

  • हर ग्रामीण परिवार को साल में कम से कम 100 दिन का रोज़गार देना

  • ऐसा रोज़गार जो उनके गांव में ही उपलब्ध हो

  • कोई मजदूरी करने को मजबूर व्यक्ति भूखा न रहे

  • और हर नागरिक को सम्मान के साथ जीने का हक मिले


योजना के अंतर्गत किस तरह का काम मिलता है?

MGNREGA में जो काम दिए जाते हैं, वो ज़्यादातर हाथ से किए जाने वाले, गांव के विकास से जुड़े होते हैं, जैसे:

  • कच्ची सड़क बनाना या मरम्मत

  • तालाब, नहर, चेक डैम खुदाई

  • खेत का समतलीकरण

  • जल संरक्षण और वृक्षारोपण

  • पंचायत भवन या स्कूल की मरम्मत

  • कुआँ या जल स्रोत बनाना

  • पशु शेड, वर्मी कंपोस्ट यूनिट आदि


कौन कर सकता है इस योजना के तहत काम?

  • कोई भी ग्रामीण परिवार, जिसमें 18 वर्ष से ऊपर के लोग हैं

  • जिनके पास काम नहीं है और वे मज़दूरी करना चाहते हैं

  • योजना सबके लिए खुली है — महिला, पुरुष, दिव्यांग, बुज़ुर्ग (शारीरिक रूप से सक्षम हो)


 MGNREGA में रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

  1. अपने गांव के ग्राम पंचायत कार्यालय / पंचायत सचिव / रोजगार सहायक से संपर्क करें

  2. "जॉब कार्ड" बनवाएं – इसमें परिवार के सभी सदस्यों का नाम, उम्र, फोटो दर्ज होगा

  3. जॉब कार्ड बनवाने के बाद आप सालभर में जब चाहें काम की मांग कर सकते हैं

  4. 15 दिन के अंदर आपको काम मिलना चाहिए, नहीं मिला तो भत्ता मिलेगा


कितना मिलता है मज़दूरी?

  • मज़दूरी दर हर राज्य/UT के हिसाब से अलग होती है

  • जम्मू-कश्मीर में 2024 के अनुसार लगभग ₹240–₹270 प्रति दिन (यह समय-समय पर बदलता है)

  • हर सप्ताह/15 दिन में भुगतान किया जाता है — सीधे बैंक खाते में DBT के ज़रिए


अब यह सब डिजिटल भी है:

  • jankari.nic.in या nrega.nic.in पर जाकर
    आप अपना जॉब कार्ड नंबर चेक कर सकते हैं
    काम की डिटेल, भुगतान, दिन, साइट आदि ऑनलाइन देख सकते हैं

  • मोबाइल ऐप जैसे NMMS, Janmanrega App भी काम की निगरानी के लिए हैं


एक सच्ची कहानी

डोडा की 34 वर्षीय हसीना बेगम, जिनके घर में आमदनी का कोई ज़रिया नहीं था — MGNREGA के तहत गांव में नहर खुदाई में काम किया। आज उनके परिवार में रोज़ी-रोटी की चिंता नहीं है।
"पहले दूसरों के सामने हाथ फैलाते थे, अब खुद कमा कर खाते हैं।"


एक आख़िरी बात...

MGNREGA सिर्फ योजना नहीं — यह ग्रामीण भारत की असली शक्ति है।
यह योजना हर उस व्यक्ति के लिए है जो:

"काम करना चाहता है, लेकिन मौके नहीं मिलते।"

अब आपको काम मांगने के लिए कहीं बाहर जाने की ज़रूरत नहीं —
आपका हक़, आपके गांव में, आपके हाथ में है।



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