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Mission Mathematics: जब गणित आसान लगे और नंबर खेल बन जाए

  मिशन मैथ्स (Mission Mathematics) — अब गणित से डर नहीं, दोस्ती होगी!

"मैम, मुझे मैथ्स सबसे मुश्किल लगती है!"
ऐसा कहते हुए आपने शायद अपने बच्चे को भी देखा या सुना होगा। सच तो ये है कि ज़्यादातर बच्चों को गणित से डर लगता है — क्योंकि यह सबको समझ में नहीं आता, और जो समझते हैं, वो भी रटकर पास हो जाते हैं।

दिल्ली सरकार ने बच्चों के इसी डर को दोस्ती में बदलने के लिए शुरू किया है — मिशन मैथ्स (Mission Mathematics)


 क्या है मिशन मैथ्स?

Mission Maths का मकसद है:
गणित को आसान, दिलचस्प और रोज़मर्रा की ज़िंदगी से जुड़ा बनाना, ताकि हर बच्चा इसे समझे भी और पसंद भी करे।


 इस मिशन में क्या-क्या हो रहा है?

Game और Activities से पढ़ाई:

गणित के सवाल अब सिर्फ बोर्ड पर नहीं, बच्चों के खेल और एक्टिविटी में होंगे। बच्चे खुद हल करेंगे, मिलकर चर्चा करेंगे, और सीखेंगे — बिना डर के।

वर्कशीट के ज़रिए रोज़ अभ्यास:

हर क्लास के बच्चों के लिए आसान, रंगीन और सटीक वर्कशीट मिलेंगी जो उन्हें रोज़ हल करनी होंगी — ताकि कांसेप्ट क्लियर हो जाएं।

कक्षा 6 से 10 तक फोकस:

जिन क्लासों में बच्चों को मैथ्स सबसे ज़्यादा कठिन लगती है, वहीं से ये मिशन शुरू किया गया है — ताकि बुनियाद मजबूत हो।

डिजिटल टूल और ट्रेनिंग:

शिक्षकों को भी खास ट्रेनिंग दी जा रही है कि वो किस तरह बच्चों के साथ खेल-खेल में मैथ्स सिखा सकें। कुछ स्कूलों में डिजिटल सपोर्ट भी दिया जा रहा है।


 बच्चे क्यों जुड़ रहे हैं?

"पहले मैथ्स का नाम सुनते ही डर लगता था, अब इंतज़ार रहता है कि आज क्या नया सीखने को मिलेगा।"

Mission Maths ने बच्चों को ये समझाया है कि:

  • गणित रटना नहीं, समझना है।

  • हर सवाल का हल खुद खोजने का मज़ा है।

  • गलती करना भी सीखने का हिस्सा है।


 एक शिक्षक की बात:

“अब क्लास में वो बच्चे भी हाथ उठाते हैं जो पहले कॉपी तक नहीं खोलते थे। मिशन मैथ्स ने उनमें आत्मविश्वास भर दिया है।”


 माता-पिता की भूमिका:

  • अपने बच्चे को घर पर मैथ्स के लिए डांटे नहीं, उससे पूछिए कि आज स्कूल में कौन-सी मज़ेदार एक्टिविटी की।

  • उसे समय दीजिए कि वो खुद हल करे — और गलती होने पर गुस्सा नहीं, हौसला बढ़ाइए।


Mission Mathematics सिर्फ एक पढ़ाई का तरीका नहीं, ये बच्चों की सोच बदलने की एक कोशिश है।
अब गणित सिर्फ एक विषय नहीं — सफलता की भाषा बन रही है।


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