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PM E-DRIVE योजना: भारत की ई-मोबिलिटी क्रांति की नई दिशा

 PM E-DRIVE योजना 


PM E-DRIVE योजना (नई स्कीम – 2025 से लागू)

हर घर चले ई-वाहन, हर रास्ता हो प्रदूषण-रहित

जब एक आम आदमी ई-स्कूटर लेने की सोचता है, तो सबसे पहला सवाल होता है — “पैसे कहां से आएंगे?” और जब कोई गरीब मज़दूर ई-रिक्शा लेना चाहता है, तो उसके लिए वो सपना ही बन जाता है।
यही सपना अब सच्चाई बन सकता है, क्योंकि 2025 में सरकार लेकर आई है — PM E-DRIVE योजना


ये योजना क्या है?

सरल भाषा में कहें, तो यह योजना आपको ई-वाहन खरीदने में सीधी आर्थिक मदद देती है। सरकार चाहती है कि देश का हर आम नागरिक ई-वाहन चला सके — चाहे वो स्कूटर हो, रिक्शा हो या छोटी-सी कमर्शियल गाड़ी।


इस योजना के तहत क्या-क्या मिलता है?

दोपहिया (ई-स्कूटर/बाइक)

  • सरकार सीधे ₹10,000 से लेकर ₹27,000 तक की सब्सिडी (छूट) दे रही है।

  • यानी जो स्कूटर पहले ₹1 लाख का था, अब वही आपको ₹70,000–₹90,000 में मिल सकता है।

तिपहिया (ई-रिक्शा, ई-ऑटो)

  • इस पर भी ₹25,000–₹30,000 तक की मदद दी जा रही है।

  • खासकर उन लोगों के लिए, जो रोज़ कमाकर घर चलाते हैं—ये एक बहुत बड़ी राहत है।


कब से लागू हुई?

PM E-DRIVE योजना 1 अप्रैल 2025 से पूरे देश में लागू हो चुकी है।
अब जब आप नया ई-वाहन खरीदेंगे, तो यह सब्सिडी आपको मिल सकती है—अगर वाहन और डीलर सरकार की सूची में शामिल हों।


किसे सबसे ज़्यादा फायदा होगा?

  • स्टूडेंट्स जो पहली बार ई-स्कूटर ले रहे हैं

  • कामगार जो ई-रिक्शा से रोज़गार शुरू करना चाहते हैं

  • छोटे दुकानदार जो सामान ढोने के लिए ई-लोडर लेना चाहते हैं

  • और वो हर व्यक्ति, जो पेट्रोल-डीज़ल से छुटकारा पाना चाहता है


कैसे लें इस योजना का फायदा?

  1. अपने शहर/राज्य के सरकारी अधिकृत EV डीलर के पास जाएं

  2. पूछें – क्या यह वाहन PM E-DRIVE योजना में शामिल है?

  3. अगर हां – तो सब्सिडी की रकम सीधा कीमत में से घटा दी जाती है

  4. आपको किसी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन या पेपरवर्क की ज़्यादा झंझट नहीं करनी होगी


इसका असली मतलब क्या है?

सरकार सिर्फ तकनीक को नहीं, आपके भविष्य को सब्सिडी दे रही है।
जिस रास्ते पर आप चलेंगे — वो अब कम खर्चीला, कम प्रदूषण वाला और ज़्यादा सुकून देने वाला होगा।


एक छोटा उदाहरण:

रामू एक मजदूर है। वो अपना ई-रिक्शा लेना चाहता था लेकिन पैसे नहीं थे।
PM E-DRIVE से उसे ₹27,000 की सरकारी मदद मिली। अब उसका सपना सच हो गया, और आज वो खुद की गाड़ी चलाकर रोज़ 500-700 रुपए घर ला रहा है।



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