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Sabala योजना: किशोरी बालिकाओं का पोषण और सशक्तिकरण

 Sabala Scheme (सबला योजना) भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई एक किशोरी लड़कियों के लिए सशक्तिकरण योजना है, जिसे पश्चिम बंगाल सहित कुछ राज्यों में लागू किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य 11–18 वर्ष की लड़कियों को पोषण, स्वास्थ्य शिक्षा और कौशल विकास के ज़रिए आत्मनिर्भर बनाना है।


योजना का उद्देश्य

  • किशोरियों के पोषण स्तर को सुधारना

  • उन्हें जीवन कौशल (Life Skills), स्वास्थ्य शिक्षा, और व्यावसायिक प्रशिक्षण देना

  • स्कूल में रहने के लिए प्रेरित करना

  • वयस्क होने के लिए तैयार करना


लक्षित लाभार्थी

वर्ग आयु सीमा विवरण
Out-of-school girls 11–18 वर्ष प्राथमिक लक्ष्य
In-school girls 14–18 वर्ष माध्यमिक फ़ोकस

प्रमुख घटक

1. पोषण सहायता

  • सप्ताह में 6 दिन मुफ़्त Take-Home Ration (THR) या गर्म पका हुआ भोजन

  • प्रत्येक किशोरी को ~600 कैलोरी और 18–20 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन

2. स्वास्थ्य शिक्षा और जीवन कौशल

  • स्वच्छता, पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य (Reproductive Health), HIV/AIDS, किशोरावस्था में होने वाले बदलावों की जानकारी

  • आत्मरक्षा, आत्मविश्वास, और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार

3. व्यावसायिक प्रशिक्षण (Vocational Skills)

  • सिलाई-कढ़ाई, कंप्यूटर, ब्यूटीशियन, खाना बनाना, इत्यादि का प्रशिक्षण

  • आगे चलकर स्वरोज़गार के लिए तैयार करना


योजना का कार्यान्वयन

  • ICDS (आंगनवाड़ी केंद्रों) के माध्यम से

  • Women and Child Development Department द्वारा

  • Block level officers, supervisors, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की देखरेख में


पश्चिम बंगाल में स्थिति

  • योजना राज्य के 7 जिलों में पायलट आधार पर शुरू की गई थी:
    जैसे — Jalpaiguri, Coochbehar, Purulia, Paschim Medinipur आदि

  • आंगनवाड़ी केंद्रों में “किशोरी समूह (Kishori Samooh)” बनाए गए थे


पात्रता और दस्तावेज़

आवश्यक दस्तावेज़ विवरण
आयु प्रमाण पत्र जन्म प्रमाणपत्र या स्कूल प्रमाण पत्र
पता प्रमाण राशन कार्ड/आधार कार्ड आदि
स्कूल प्रमाण पत्र (यदि हो) इन-स्कूल लड़कियों के लिए
आधार कार्ड (यदि उपलब्ध हो) डिजिटल रजिस्ट्रेशन हेतु

योजना की स्थिति

  • 2021 में Sabala योजना को ‘Scheme for Adolescent Girls (SAG)’ में विलय कर दिया गया है

  • अब यह Mission Poshan 2.0 का हिस्सा है

  • पश्चिम बंगाल में इसकी जगह Kanyashree, Rupashree, और Anandadhara जैसी योजनाओं ने विस्तृत कवरेज ले ली है


निष्कर्ष

घटक विवरण
उद्देश्य किशोरियों का पोषण, सशक्तिकरण, स्वास्थ्य शिक्षा
लाभार्थी 11–18 वर्ष की लड़कियाँ
लाभ पोषण, कौशल विकास, स्वास्थ्य शिक्षा
कार्यान्वयन आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से
वर्तमान स्थिति अब "Scheme for Adolescent Girls (SAG)" में सम्मिलित


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