Skip to main content

मेक इन इंडिया के लिए आवेदन कैसे करें

 यहाँ Make in India पहल के तहत आप कैसे जुड़ सकते हैं — चाहे आप निर्माता हों या अपनी कंपनी का लोगो इस्तेमाल करना चाहते हों:


🏭 1. “Make in India” पहल में निर्माता के रूप में कैसे शामिल हों?

  • कोई विशेष “पंजीकरण” आवश्यक नहीं — इसे DPIIT के निजी प्रतिस्थापन के रूप में मानें

  • यदि आप उत्पाद भारत में बनाते हैं, तो:

    1. MSME/Udyam पंजीकरण करवाएं — इससे आपको सरकारी योजनाओं व प्रोत्साहनों के लिए पात्रता मिलती है

      1. GeM (सरकारी ई-मार्केटप्लेस) पर अपने उत्पाद जोड़ें और “Country of Origin” में भारत दर्ज करें


🛡️ 2. “Make in India” लोगो/ब्रांड उपयोग के लिए आधिकारिक अनुमति

यदि आप अपने उत्पाद, पैकेजिंग, वेबसाइट या प्रचार सामग्री पर Make in India लोगो का प्रयोग करना चाहते हैं, तो आपको DPIIT से आधिकारिक अनुमति लेनी होगी:

स्टैंडर्ड प्रक्रिया :

  1. DPIIT की वेबसाइट से लॉगो उपयोग हेतु आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें।

  2. फॉर्म में अपना विवरण भरें: कंपनी, उत्पाद, उपयोग का उद्देश्य आदि।

  3. आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें (जैसे Incorporation Certificate, लोगो आर्टवर्क आदि)।

  4. DPIIT को भेजें — ईमेल या डाक द्वारा।

  5. DPIIT 30 दिनों में जांच करके लॉगो उपयोग की अनुमति (Authorization) जारी करता है

🔎 Reddit अनुभव:

“First course of action is to call or visit the authorities personally… prepare your application in the format… make a strong case for yourself.” 


🎯 3. GeM (Government e‑Marketplace) पर भागीदारी

यदि आप सरकारी टेंडर या खरीद प्रक्रिया में भाग लेना चाहते हैं:


✅ संक्षेप में तीन मुख्य मार्ग:

  1. निर्माता बनें:

    • राष्ट्रीय मंचों में शामिल हों (MSME/Udyam, GeM), “Made in India” आती है तो अवसर खुद मिलना शुरू हो जाएँगे

  2. लोगो उपयोग के लिए अनुमति:

    • DPIIT से आधिकारिक फॉर्म भरें, दस्तावेज़ संलग्न करें → ~30 दिन में अनुमति मिलेगी

  3. GeM Certification:

    • स्थानीय सामग्री प्रमाणपत्र बनाएं (self-declared या CA‑certified) → सरकारी खरीद में बोली दें

Comments

Popular posts from this blog

Sabla / Kishori Balika Yojana – किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम

सबल योजना / किशोरी बालिका योजना: बेटियों के स्वावलंबन की राह  भारत जैसे देश में जहां बेटियाँ एक तरफ देवी का रूप मानी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कई बार उन्हें शिक्षा, पोषण और सम्मान से वंचित भी रहना पड़ता है। एक किशोरी के जीवन में जब उसका शरीर और मन कई बदलावों से गुजरता है, तब उसे सबसे ज़्यादा मार्गदर्शन, पोषण, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसी संवेदना और ज़रूरत को समझते हुए भारत सरकार ने सबल योजना (जिसे किशोरी बालिका योजना भी कहा जाता है) की शुरुआत की — ताकि देश की बेटियाँ न सिर्फ स्वस्थ रहें, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनें। किशोरी – एक संवेदनशील मोड़ जब कोई बच्ची 11-18 साल की उम्र में प्रवेश करती है, तो यह उसका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सबसे संवेदनशील और निर्णायक समय होता है। इस उम्र में वह न तो पूरी तरह से बच्ची रहती है, न पूरी तरह से वयस्क। वह अपनी पहचान, आत्म-विश्वास और समाज में अपने स्थान को लेकर संघर्ष कर रही होती है। ग्रामीण भारत में स्थिति और भी कठिन है — यहाँ अधिकांश किशोरियाँ या तो स्कूल छोड़ चुकी होती हैं, या घरेलू जिम्मेदारियों में डूब चुकी होती हैं। उन्हे...

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 – किसानों की समृद्धि

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – किसानों के समृद्धि की नई उम्मीद भारत की आत्मा गांवों में बसती है, और गांवों की आत्मा हमारे किसान हैं। हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ खेतों में हल जोतता किसान, तपती दोपहर में फसलों को सींचता किसान और रात के अंधेरे में भी अपने खेत की रखवाली करता किसान — यही तो हैं हमारे देश की असली रीढ़। ऐसे में जब केंद्र सरकार किसानों की स्थिति सुधारने और उनकी आमदनी दोगुनी करने की बात करती है, तो यह सिर्फ एक नीति नहीं होती, बल्कि करोड़ों उम्मीदों की नींव होती है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना? प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है — किसानों की आय बढ़ाना, फसलों की उत्पादकता सुधारना, और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश करना। यह योजना किसानों को बेहतर बीज, सस्ती दरों पर उर्वरक, सिंचाई की सुविधा, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और फसल की सही कीमत दिलाने में मदद करती है। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि भारत का हर किसान आत्मनिर्भर बन...

नया राशन कार्ड बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन गाइड 2025

ऑनलाइन राशन कार्ड आवेदन करते महिला नया राशन कार्ड कैसे बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके राशन कार्ड केवल एक दस्तावेज नहीं है, यह आम आदमी के अधिकारों और गरिमा की पहचान है। भारत जैसे देश में, जहाँ करोड़ों परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारते हैं, राशन कार्ड उनके लिए सरकारी सहायता का प्रमुख जरिया है। यह न केवल सस्ता अनाज पाने का हक देता है, बल्कि पहचान, निवास प्रमाण और कई सरकारी योजनाओं से जुड़ने का ज़रिया भी बनता है। ऐसे में यदि आपके पास राशन कार्ड नहीं है, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। यहाँ हम सरल भाषा में बताएंगे कि नया राशन कार्ड कैसे बनवाएं – वो भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से, ताकि आपकी जेब और समय दोनों की बचत हो। क्यों ज़रूरी है राशन कार्ड? कल्पना कीजिए कि किसी गरीब बुज़ुर्ग महिला को महीने का गुज़ारा करना है – न कोई पेंशन, न कमाई का जरिया। राशन कार्ड के ज़रिए वह महिला सरकार से 1-2 रुपये किलो में अनाज पाती है, जिससे उसका पेट भरता है। इसी तरह, एक मजदूर परिवार को भी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरा करने के लिए सरकारी राशन का सहारा होता है। राशन कार्ड के बिना ये सारी मददे...