Skip to main content

बिहार सरकार की शिक्षा योजनाएँ – सबके लिए समावेशी और सुलभ शिक्षा का संकल्प

 बिहार सरकार शिक्षा क्षेत्र में कई नई योजनाएँ चला रही है, जो सभी स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण, समावेशी और रोजगार‑उन्मुख शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से हैं। यहाँ प्रमुख पहलें हैं:


🎓 प्रमुख शिक्षा योजनाएँ और घोषणाएँ

1. बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना

  • 10वीं/12वीं उत्तीर्ण छात्रों को शैक्षिक ऋण प्रदान करती है (अधिकतम ₹4 लाख)।

  • कम ब्याज दर, विशेष रूप से लड़कियाँ, दिव्यांग एवं ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए — 1 % ब्याज।

  • 2025‑26 में 95,220 छात्रों को लाभ दिया गया ।


2. छात्रवृत्ति और शिक्षा बजट में वृद्धि

  • 2025‑26 के बजट में शिक्षा के लिए कुल ₹60,954–60,965 करोड़ आवंटित।

  • पिछड़ा वर्ग, SC/ST, अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति दोगुनी की गई (₹1,000 → ₹2,000 प्रति माह और अन्य कम आय समूहों को भी बढ़ा हुआ समर्थन).


3. सड़क‑समान्य छात्रवस्‍त्र और अवशर्तन नीतियाँ

  • सरकारी स्कूलों में ड्रेस और साइकिल योजनाओं के लिए 75% उपस्थिति की बाध्यता समाप्त, अब सभी पात्र छात्रों को प्रारंभ में ही लाभ मिलेगा (29,000 स्कूलों में कंप्यूटरीकरण सहित) ।

  • सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर ट्यूशन देने पर प्रतिबंध लगाया गया, लाइब्रेरियन नियुक्ति, प्री‑स्कूल व समर कैंप योजनाएँ शुरू हो रही है ।


4. इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा

  • सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में फ्रेंच व जर्मन जैसे विदेशी भाषाओं की शुरुआत ‘सात निश्चय‑1 योजना’ के तहत (पायलट 15 कॉलेज)।

  • बीयू (बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी) की स्थापना, सभी इंजीनियरिंग कॉलेज इससे सम्बद्ध; Magadh University में MSME तकनीकी केंद्र, AI में Centre of Excellence शुरू हो रहे हैं।


5. उच्च शिक्षा और बुनियादी ढांचा

  • हर प्रखंड (358 में से) में डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे।

  • 38 जिलों में SC/ST छात्राओं के लिए आवासीय छात्रावास (Savitri Bai Phule Student Hostels) स्वीकृत, ₹1,000 मासिक अनुदान समेत ऑनलाइन कोचिंग ।

  • अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिभाशाली छात्रों (Class 9–12) को आवासीय विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा—“Alpsankhyak Awasiya Vidyalaya Yojana”।


6. स्कूल से तकनीकी प्रशिक्षण (Vocational Integration)

  • कक्षा 9 और 11 के 25 लाख सरकारी स्कूल के छात्र प्रत्येक शनिवार ITI में भेजे जाएंगे—फिटर, वेल्डर, बिजली, प्लंबर आदि में व्यावहारिक प्रशिक्षण हेतु।

  • इससे बिहार शिक्षा-व्यवसाय संबंध को मजबूत बनाएगा।


7. इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्टाफ संवर्द्धन

  • शिक्षा विभाग के लिए 2,361 नए पद (EDO, AEDO) स्वीकृत, शिक्षा अवसंरचना कंपनी के लिए 818 पद।

  • इंजीनियरिंग/पॉलिटेक्निक छात्रावासों और डिजिटल प्लैनेटेरियम हेतु ₹281 करोड़ स्वीकृत (Arwal, Rohtas, Jehanabad व अन्य)।


🌟 सारांश

क्षेत्र मुख्य पहल
डेटा व बजट ₹61,000 करोड़+ शिक्षा बजट; छात्रवृत्ति वृद्धि
लाभार्थी 1 करोड़+ स्कूल/कॉलेज छात्र; विशेष शिक्षा व टेक्निकल प्रशिक्षण
समावेशन स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, SC/ST छात्रावास, विदेशी भाषा एवं ITI प्रोग्राम्स
गुणवत्ता स्कूल सुधार, शिक्षकों पर प्रतिबंध व लाइब्रेरियन, तकनीकी केंद्र स्थापना


Comments

Popular posts from this blog

Sabla / Kishori Balika Yojana – किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम

सबल योजना / किशोरी बालिका योजना: बेटियों के स्वावलंबन की राह  भारत जैसे देश में जहां बेटियाँ एक तरफ देवी का रूप मानी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कई बार उन्हें शिक्षा, पोषण और सम्मान से वंचित भी रहना पड़ता है। एक किशोरी के जीवन में जब उसका शरीर और मन कई बदलावों से गुजरता है, तब उसे सबसे ज़्यादा मार्गदर्शन, पोषण, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसी संवेदना और ज़रूरत को समझते हुए भारत सरकार ने सबल योजना (जिसे किशोरी बालिका योजना भी कहा जाता है) की शुरुआत की — ताकि देश की बेटियाँ न सिर्फ स्वस्थ रहें, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनें। किशोरी – एक संवेदनशील मोड़ जब कोई बच्ची 11-18 साल की उम्र में प्रवेश करती है, तो यह उसका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सबसे संवेदनशील और निर्णायक समय होता है। इस उम्र में वह न तो पूरी तरह से बच्ची रहती है, न पूरी तरह से वयस्क। वह अपनी पहचान, आत्म-विश्वास और समाज में अपने स्थान को लेकर संघर्ष कर रही होती है। ग्रामीण भारत में स्थिति और भी कठिन है — यहाँ अधिकांश किशोरियाँ या तो स्कूल छोड़ चुकी होती हैं, या घरेलू जिम्मेदारियों में डूब चुकी होती हैं। उन्हे...

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 – किसानों की समृद्धि

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – किसानों के समृद्धि की नई उम्मीद भारत की आत्मा गांवों में बसती है, और गांवों की आत्मा हमारे किसान हैं। हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ खेतों में हल जोतता किसान, तपती दोपहर में फसलों को सींचता किसान और रात के अंधेरे में भी अपने खेत की रखवाली करता किसान — यही तो हैं हमारे देश की असली रीढ़। ऐसे में जब केंद्र सरकार किसानों की स्थिति सुधारने और उनकी आमदनी दोगुनी करने की बात करती है, तो यह सिर्फ एक नीति नहीं होती, बल्कि करोड़ों उम्मीदों की नींव होती है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना? प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है — किसानों की आय बढ़ाना, फसलों की उत्पादकता सुधारना, और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश करना। यह योजना किसानों को बेहतर बीज, सस्ती दरों पर उर्वरक, सिंचाई की सुविधा, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और फसल की सही कीमत दिलाने में मदद करती है। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि भारत का हर किसान आत्मनिर्भर बन...

नया राशन कार्ड बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन गाइड 2025

ऑनलाइन राशन कार्ड आवेदन करते महिला नया राशन कार्ड कैसे बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके राशन कार्ड केवल एक दस्तावेज नहीं है, यह आम आदमी के अधिकारों और गरिमा की पहचान है। भारत जैसे देश में, जहाँ करोड़ों परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारते हैं, राशन कार्ड उनके लिए सरकारी सहायता का प्रमुख जरिया है। यह न केवल सस्ता अनाज पाने का हक देता है, बल्कि पहचान, निवास प्रमाण और कई सरकारी योजनाओं से जुड़ने का ज़रिया भी बनता है। ऐसे में यदि आपके पास राशन कार्ड नहीं है, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। यहाँ हम सरल भाषा में बताएंगे कि नया राशन कार्ड कैसे बनवाएं – वो भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से, ताकि आपकी जेब और समय दोनों की बचत हो। क्यों ज़रूरी है राशन कार्ड? कल्पना कीजिए कि किसी गरीब बुज़ुर्ग महिला को महीने का गुज़ारा करना है – न कोई पेंशन, न कमाई का जरिया। राशन कार्ड के ज़रिए वह महिला सरकार से 1-2 रुपये किलो में अनाज पाती है, जिससे उसका पेट भरता है। इसी तरह, एक मजदूर परिवार को भी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरा करने के लिए सरकारी राशन का सहारा होता है। राशन कार्ड के बिना ये सारी मददे...