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मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना (मध्यप्रदेश सरकार)– होनहार छात्रों को उच्च शिक्षा में आर्थिक सहयोग और उज्जवल भविष्य की उड़ान

"मुख्यमंत्री द्वारा मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र देते हुए – उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करता एक सम्मान समारोह।"
Mukhyamantri Medhavi Vidyarthi Yojana
MBBS/NEET छात्रों के लिए "मेड्हवी छात्रा योजना" (MMVY) – सरकारी सहयोग का कमाल

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना (Mukhyamantri Medhavi Vidyarthi Yojana) सिर्फ इंजीनियरिंग ही नहीं—MBBS/NEET (मेडिकल) छात्रों के लिए भी विशेष लाभ देती है।


मुख्य आकर्षण क्या हैं?

  • MBBS/BDS में प्रवेश लेने वाले MP डोमिसाइल विद्यार्थी के लिए:

    • सरकारी मेडिकल कॉलेज में सम्पूर्ण ट्यूशन फ्री

    • प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भी पूरी ट्यूशन फीस वैन (छात्रावास, मैस और सिक्योरिटी डिपॉज़िट ) – सरकार देती है।


पात्रता

  • आप मध्य प्रदेश के निवासी हों।

  • आपकी 12वीं बोर्ड परीक्षा में

    • MP बोर्ड ≥ 70% या

    • CBSE/ICSE ≥ 85% अंक हों ।

  • NEET क्वालिफाई करके MBBS/BDS में प्रवेश लिया हो।

  • परिवार की वार्षिक आय ₹6 लाख से कम हो।


क्या-क्या कवर होता है?

  • ट्यूशन फीस पूरी तरह से सरकार देती है।

  • प्रवेश फीस, कॉलेज फीस पूरी तरह कवर होती है। मज़े की बात – ट्यूशन फीस किस्त सीधे कॉलेज खाते में ट्रांसफर होती है।

  • मैस/हॉस्टल सिक्योरिटी और कैफेटेरिया खर्च इससे शामिल नहीं हैं ।


कब करें आवेदन?

  • आवेदन आमतौर पर जुलाई से जनवरी तक खुला रहता है;
    अंतिम तिथि होती है 31 जनवरी ।


आवेदन प्रक्रिया स्टेप-बाय-स्टेप

  1. Portal पर जाएँ: medhavikalyan.mp.gov.in या scholarshipportal.mp.nic.in/MedhaviChhatra।



क्या छात्र खुद बता रहे हैं?

“Dear jeeneettards from madhya pradesh… Medical Aspirants: Students with secured admission to Govt/Private MBBS/BDS courses via the NEET entrance exam are eligible.”
–  यूज़र

“All fees transferred except mess and caution money. …General category bhi apply kar sakte hain, if income <6L.”
–  यूज़र 

[ नोट]: कुछ विद्यार्थियों को फीस जमा करने के बाद यह राशि वापस मिलती है, तो कृपया कॉलेज से कंफर्म कर लें कि कब किस तरह राशि ट्रांसफर होगी ।


इसका असर क्यों महत्वपूर्ण है?

  • MBBS जैसे महंगे कोर्स में फीस की चिंता नहीं रहती।

  • प्रतिभाशाली छात्र अच्छी मेडिकल शिक्षा का लाभ उठा सकते हैं।

  • औसत-वर्गीय परिवारों के लिए यह योजना बिलकुल मददगार साबित होती है।


 सच्ची कहानियाँ, जो प्रेरणा देती हैं

1. आरती पाटीदार, धार जिले से:
"मैं एक किसान की बेटी हूँ। 12वीं में 91% अंक आए, पर मेडिकल कॉलेज की फीस देखकर मन टूट गया था। फिर हमारे स्कूल के शिक्षक ने मुझे इस योजना के बारे में बताया। मैंने आवेदन किया और सरकार ने मेरी MBBS की पूरी फीस जमा की। आज मैं अपने पहले साल की पढ़ाई पूरी कर चुकी हूँ – और डॉक्टर बनने के रास्ते पर हूँ।"

2. साहिल कुरैशी, भोपाल:
"पिता दर्जी हैं। IIT में सीट मिली, लेकिन ₹2 लाख फीस कहाँ से आती? MMVY योजना के तहत मुझे पूरा सहयोग मिला। सिर्फ आर्थिक नहीं, मानसिक तौर पर भी लगा कि कोई है जो हमारे जैसे छात्रों के पीछे खड़ा है।"


 योजना के लाभ

  • छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए फीस की चिंता नहीं करनी पड़ती।

  • ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाले छात्रों को अवसर मिलते हैं।

  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियाँ इस योजना से विशेष रूप से लाभान्वित हो रही हैं।

  • तकनीकी और पेशेवर कोर्स में भागीदारी बढ़ी है।

  • बच्चों में आत्मविश्वास, प्रेरणा और सरकारी व्यवस्था पर भरोसा बढ़ा है।


 सरकार की सोच और दृष्टिकोण

मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा को सिर्फ एक सेवा नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और आर्थिक समावेशन का माध्यम मानती है। जब किसी गरीब या मध्यमवर्गीय घर का बच्चा मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेज में दाख़िला लेता है, तो वह सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि पूरे परिवार की पीढ़ियाँ बदल देता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं इस योजना को बेहद मानवीय दृष्टिकोण से देखते हैं। वे कहते हैं:
“बच्चों की पढ़ाई न रुके, इसलिए हम उनके साथ खड़े हैं। जो बच्चा मेहनत करता है, उसका सपना अधूरा नहीं रहने देंगे।”


 आने वाली चुनौतियाँ

हालाँकि योजना बहुत सफल रही है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ अब भी मौजूद हैं:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को जानकारी की कमी

  • ऑनलाइन आवेदन में तकनीकी समस्याएँ

  • सत्यापन की धीमी प्रक्रिया

  • कुछ प्राइवेट कॉलेजों द्वारा फीस संरचना में पारदर्शिता की कमी

राज्य सरकार ने इन चुनौतियों को दूर करने के लिए CSC केंद्र, हेल्पलाइन नंबर, और डिजिटल सहायता शिविर जैसे कई समाधान शुरू किए हैं।


 निष्कर्ष: यह योजना एक वादा है – “तुम पढ़ो, हम साथ हैं”

मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना उन बच्चों के लिए उम्मीद की किरण है, जो अपने दम पर आगे बढ़ना चाहते हैं लेकिन संसाधनों की कमी उन्हें रोक देती है। यह योजना उन्हें सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं देती, बल्कि यह बताती है कि मेहनत करने वालों को सरकार, समाज और पूरा प्रदेश सलाम करता है।

हजारों छात्रों ने इस योजना के माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त कर ली है, कई डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, शिक्षक और अफसर बन चुके हैं। यह योजना बताती है कि योग्यता को पहचान मिलती है, अगर सरकार की सोच संवेदनशील हो।


 अब आप क्या करें?

अगर आपने या आपके किसी जानने वाले ने 12वीं में अच्छे अंक लाए हैं और उच्च शिक्षा की राह में पैसे की कमी आ रही है, तो:

mmvy.mp.gov.in पर जाकर तुरंत आवेदन करें।
 स्कूल/कॉलेज के शिक्षकों से मदद लें।
 ज़िला शिक्षा कार्यालय से मार्गदर्शन लें।
 सही जानकारी के लिए योजना की गाइडलाइन पढ़ें।


 एक आख़िरी बात:

"शिक्षा सिर्फ परीक्षा पास करने का नाम नहीं, बल्कि अपने सपनों को आकार देने की यात्रा है। और जब यह यात्रा सरकार के सहयोग से हो – तो मंज़िल दूर नहीं होती।”

अगर आप NEET क्वालिफाई करके MBBS/BDS में प्रवेश लेने वाले हैं:

  • जल्दी आवेदन करें (जुलाई–जनवरी)

  • ज़रूरी दस्तावेज जैसे आधार, NEET मार्कशीट, आय प्रमाण आदि तैयार रखें।

"अच्छे अंक अब बनेंगे ऊँची उड़ान का आधार – MMVY से मिलेगी फ्री शिक्षा और भविष्य की गारंटी!"
इंजीनियरिंग |  मेडिकल  |  फीस माफ
#MMVY #MPStudentScheme #ScholarshipYojana



MP स्वास्थ्य योजनाएं - FAQ
मध्य प्रदेश की प्रमुख स्वास्थ्य योजनाएं – FAQ
यह योजना गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए मुफ्त उपचार व ₹1400 की आर्थिक सहायता देती है। यह सरकारी अस्पताल में प्रसव को प्रोत्साहित करती है।
इस योजना के तहत बालिकाओं के टीकाकरण, पोषण, और स्वास्थ्य निगरानी को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि उनका शारीरिक और मानसिक विकास सही हो सके।
यह योजना अनाथ बच्चों, विशेष रूप से कोविड से प्रभावित बच्चों के लिए है। इसमें ₹5000 प्रति माह की सहायता, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाती है।
इस योजना में गरीब परिवारों को सालाना ₹5 लाख तक की निःशुल्क चिकित्सा सेवा मिलती है, जो सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में लागू होती है।
हाँ, ज़्यादातर योजनाओं के लिए पात्रता और दस्तावेज़ों के साथ पंजीकरण करना जरूरी होता है। आप पास के जनसेवा केंद्र या वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।

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