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EPS योजना 2025 – कर्मचारियों के लिए आजीवन पेंशन और सुरक्षा की गारंटी

पांच भारतीय बुजुर्ग लोग पार्क में बैठे हुए, विभिन्न रंगों के कपड़े पहने हुए, खुशी से बातचीत करते हुए।
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EPS (Employees' Pension Scheme) – हर मेहनतकश के बुज़ुर्गी के दिन का सहारा

प्रस्तावना: उम्र ढलती है, पर सम्मान बना रहना चाहिए

शायद हम सबने अपने आसपास ऐसे कई लोग देखे हैं, जिन्होंने उम्रभर मेहनत की – फैक्ट्री में, दफ्तरों में, खेतों में या मशीनों के पीछे। लेकिन जब रिटायरमेंट का समय आया, तो उनके पास न बचत थी, न कोई सहारा। ये वो लोग थे जिन्होंने अपने परिवार के लिए पूरी ज़िंदगी खपा दी, लेकिन बुढ़ापे में उनकी आंखें अक्सर एक उम्मीद से भर जाती थीं – "क्या कोई है जो अब हमारा सहारा बनेगा?"
EPS यानी Employees’ Pension Scheme ऐसे ही करोड़ों कर्मचारियों के लिए एक संवेदनशील और भरोसेमंद योजना है, जो उनके जीवन की संध्या बेला को सुरक्षित और सम्मानजनक बनाती है।


EPS क्या है?

EPS (कर्मचारी पेंशन योजना) भारत सरकार और EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) द्वारा चलाई जाने वाली एक ऐसी योजना है, जिसका उद्देश्य निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन प्रदान करना है।

इस योजना के तहत जब एक कर्मचारी 58 साल की उम्र पूरी करता है और उसने कम से कम 10 साल तक EPF में योगदान दिया होता है, तो वह आजीवन पेंशन का पात्र बनता है।


योजना का उद्देश्य: बुजुर्गी के दिनों को सहारा देना

EPS सिर्फ एक योजना नहीं है, यह एक भरोसा है – कि जब हाथों में काम करने की ताकत कम हो जाए, तब सरकार का हाथ आपके कंधे पर हो। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारी के रिटायरमेंट के बाद भी उसकी आय का एक स्थायी स्रोत बना रहे।


कैसे काम करती है EPS योजना?

जब कोई कर्मचारी EPFO में रजिस्टर्ड होता है और उसके वेतन से PF कटता है, तो उसमें से एक हिस्सा EPS में जाता है।

  • कर्मचारी के वेतन का 12% EPF में जाता है, जिसमें से पूरा हिस्सा EPF में ही रहता है।

  • लेकिन नियोक्ता (employer) के 12% हिस्से में से 8.33% EPS में जाता है, और बाकी EPF में।

यह जमा राशि एक पेंशन फंड में जाती है और कर्मचारी की सेवा अवधि पूरी होने पर पेंशन मिलती है।


मानवीय पहलू: यह सिर्फ पेंशन नहीं, आत्म-सम्मान है

60 साल की श्रीमती मीरा देवी, जिन्होंने कपड़ा मिल में 25 साल तक काम किया। जब उनकी उम्र ढलने लगी, तो उन्हें लगा कि अब वो अपने बच्चों पर बोझ बन जाएंगी। लेकिन EPS योजना के अंतर्गत मिलने वाली मासिक पेंशन से आज वह खुद अपनी दवाइयाँ खरीदती हैं, घर के खर्च में हाथ बंटाती हैं और खुद को आत्मनिर्भर महसूस करती हैं।

यह सिर्फ पैसों का मामला नहीं है – यह आत्म-सम्मान, गरिमा और स्वतंत्रता की भावना है।


EPS के तहत मिलने वाले लाभ

  1. मासिक पेंशन:
    रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन मिलती है।

  2. निवृत्ति पेंशन (Retirement Pension):
    58 वर्ष की आयु के बाद जब कर्मचारी सेवा से रिटायर होता है।

  3. परिवार पेंशन (Family Pension):
    कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके जीवनसाथी को मासिक पेंशन मिलती है।

  4. विकलांगता पेंशन (Disability Pension):
    सेवा के दौरान अगर कर्मचारी स्थायी विकलांग हो जाए, तो उसे पेंशन दी जाती है।

  5. बच्चों को लाभ:
    मृत्यु के बाद बच्चों को भी कुछ अवधि तक पेंशन मिलती है।


पात्रता (Eligibility)

  • कर्मचारी की न्यूनतम सेवा अवधि 10 साल होनी चाहिए।

  • कर्मचारी की उम्र 58 साल या अधिक होनी चाहिए।

  • EPS में योगदान अनिवार्य रूप से 15,000 रुपए या उससे कम मासिक वेतन वालों पर लागू होता है।


EPS पेंशन की गणना कैसे होती है?

EPS में मासिक पेंशन इस फॉर्मूले से निकाली जाती है:

(पेंशन योग्य वेतन × सेवा की अवधि) ÷ 70

उदाहरण:
अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल सेवा दी और उसका औसत वेतन 15,000 रुपए है, तो:
(15000 × 25) ÷ 70 = ₹5357 पेंशन प्रति माह


EPS से जुड़ी चुनौतियाँ

EPS योजना आज भी कई कर्मचारियों के लिए रहस्य की तरह है। जानकारी की कमी, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की पहुंच में रुकावट, और समय पर नियोक्ता द्वारा योगदान नहीं देना जैसी समस्याएं अब भी हैं।

यह ज़रूरी है कि न केवल सरकार बल्कि हर नियोक्ता अपने कर्मचारियों को इस योजना की जानकारी दे और उनका योगदान समय पर सुनिश्चित करे।


डिजिटल भारत में EPS की सुविधा

अब कर्मचारी EPS से जुड़ी अपनी जानकारी UMANG ऐप, EPFO पोर्टल, और SMS/WhatsApp सेवा से ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।
ई-नॉमिनेशन, पेंशन क्लेम और खाता ट्रांसफर जैसी सुविधाएं अब घर बैठे संभव हैं।


एक सच्ची कहानी

राजू तिवारी, एक फैक्ट्री वर्कर, जिन्होंने 20 साल तक मशीनों पर काम किया। उनका मानना था कि "बुढ़ापे में क्या मिलेगा!" लेकिन जब उन्हें EPFO कार्यालय से पत्र आया कि वे EPS पेंशन के पात्र हैं, तो उनकी आंखों में विश्वास लौट आया। आज वह हर महीने ₹4500 की पेंशन पाकर आत्मनिर्भर हैं और गर्व से कहते हैं –
"हमने जो पसीना बहाया था, उसका मूल्य मिला है।"


निष्कर्ष: EPS हर श्रमिक के भविष्य की गारंटी

EPS योजना हर उस व्यक्ति की मेहनत का सम्मान है, जो दिन-रात अपने परिवार और देश के लिए काम करता है। यह सिर्फ पैसे का मामला नहीं है – यह भरोसे, आत्म-सम्मान और भविष्य की सुरक्षा का नाम है।

सरकार और समाज की ज़िम्मेदारी है कि इस योजना की जागरूकता और पारदर्शिता को बढ़ाया जाए ताकि कोई भी श्रमिक बिना मदद के न रहे।


क्योंकि सम्मानजनक बुढ़ापा हर मेहनतकश का अधिकार है।
EPS योजना उसी अधिकार को सुरक्षित करती है – नमी वाली आंखों के पीछे की मुस्कान बनकर।


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EPS योजना 2025 – FAQ
EPS योजना 2025 से जुड़े सामान्य सवाल (FAQs)
1. EPS योजना क्या है?
EPS यानी Employees' Pension Scheme, एक सरकारी योजना है जो EPFO के तहत चलाई जाती है। इसमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पेंशन मिलती है।
2. EPS का लाभ किसे मिलता है?
वह कर्मचारी जिसका वेतन ₹15,000 प्रति माह या उससे कम है और जो EPF में योगदान करता है, उसे EPS का लाभ मिलता है।
3. EPS में न्यूनतम सेवा अवधि कितनी है?
कम से कम 10 वर्ष की सेवा जरूरी है ताकि रिटायरमेंट पर नियमित पेंशन मिल सके।
4. EPS पेंशन की गणना कैसे होती है?
पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × सेवा के वर्ष) ÷ 70
उदाहरण: ₹15,000 वेतन और 25 साल की सेवा पर ₹5357/माह पेंशन।
5. EPS पेंशन कब से मिलती है?
58 वर्ष की उम्र के बाद नियमित पेंशन मिलती है। 50-57 वर्ष के बीच निकासी करने पर राशि में कटौती की जाती है।
6. EPS में परिवार को क्या लाभ मिलता है?
कर्मचारी की मृत्यु के बाद जीवनसाथी को पेंशन और बच्चों को सीमित समय के लिए सहायता मिलती है।
7. EPS में पेंशन क्लेम कैसे करें?
EPFO पोर्टल पर फॉर्म 10D भरकर ऑनलाइन EPS पेंशन के लिए आवेदन किया जा सकता है।
8. EPS की जानकारी ऑनलाइन कैसे देखें?
UMANG ऐप, EPFO की वेबसाइट, या SMS सेवा के जरिए EPS विवरण देखा जा सकता है।

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