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Fire & Safety Act: जानें भारत में फायर सेफ्टी के नियम, NOC प्रक्रिया और बचाव उपाय | Progress India

एक छवि जिसमें अग्निशामक कर्मी अग्निशामक वर्दी में खड़े हैं, और पृष्ठभूमि में कई लाल अग्निशामक वाहन खड़े हैं। छवि अग्निशामक और सुरक्षा का प्रतीक है
सुरक्षित रहना है, तो तैयारी जरूरी है!

Progress India – Fire & Safety Act: आपकी सुरक्षा, आपका अधिकार


1. फायर एंड सेफ्टी एक्ट क्या है?

  • भारत में अग्नि सुरक्षा के नियम तय करने वाला कानून।

  • इमारतों, फैक्ट्रियों, ऑफिस और पब्लिक प्लेस में आग से बचाव के मानक।

  • हादसे से पहले रोकथाम और हादसे के बाद रिस्पॉन्स के लिए गाइडलाइन।


2. इसका उद्देश्य

  • जान और माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

  • आग लगने पर नुकसान को न्यूनतम करना।

  • हर संस्था में फायर सेफ्टी सिस्टम अनिवार्य बनाना।


3. किन जगहों पर लागू होता है?

  • सरकारी और निजी ऑफिस।

  • मॉल, होटल, थिएटर, हॉस्पिटल।

  • इंडस्ट्री, फैक्ट्री और वेयरहाउस।

  • हाई-राइज बिल्डिंग और अपार्टमेंट।


4. कानून के तहत मुख्य प्रावधान

  • हर बिल्डिंग में फायर एग्जिट और अलार्म सिस्टम जरूरी।

  • फायर ड्रिल और सेफ्टी ट्रेनिंग समय-समय पर होनी चाहिए।

  • आग बुझाने के उपकरण (Extinguishers, Hydrants) अनिवार्य।

  • इमरजेंसी लाइटिंग और सेफ्टी साइन बोर्ड लगाना जरूरी।

  • गैस पाइपलाइन और इलेक्ट्रिकल वायरिंग की समय-समय पर जांच।


5. जिम्मेदारी किसकी है?

  • बिल्डिंग मालिक/प्रबंधन – फायर सेफ्टी उपकरण और प्लान लागू करना।

  • कर्मचारी/स्टाफ – ट्रेनिंग लेना और अलार्म सिस्टम को समझना।

  • फायर डिपार्टमेंट – निरीक्षण करना और सर्टिफिकेट जारी करना।


6. फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट (NOC)

  • किसी भी बड़ी बिल्डिंग या बिजनेस शुरू करने से पहले जरूरी।

  • स्थानीय फायर डिपार्टमेंट से निरीक्षण के बाद जारी होता है।

  • NOC के बिना बिल्डिंग का इस्तेमाल गैरकानूनी।


7. पालन न करने पर क्या होगा?

  • जुर्माना (हजारों से लाखों रुपये तक)।

  • बिजनेस लाइसेंस रद्द हो सकता है।

  • गंभीर मामलों में जेल की सजा।


8. आग से बचाव के बेसिक कदम

  • एक्सटिंग्विशर की लोकेशन याद रखें।

  • इमरजेंसी एग्जिट का रास्ता हमेशा साफ रखें।

  • कभी भी बिजली के तारों पर ज्यादा लोड न डालें।

  • ज्वलनशील पदार्थ को सुरक्षित जगह पर रखें।


9. कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग पॉइंट्स

  • फायर अलार्म बजते ही शांत रहें।

  • सबसे नजदीकी एग्जिट से बाहर निकलें।

  • लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों का उपयोग करें।

  • धुएं में नीचे झुककर चलें।


10. फैक्ट्री/इंडस्ट्री के लिए खास नियम

  • ऑटोमैटिक स्प्रिंकलर सिस्टम लगाना।

  • ज्वलनशील केमिकल्स की सुरक्षित स्टोरेज।

  • मशीनरी की समय-समय पर सर्विसिंग।

  • इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम बनाना।


11. फायर सेफ्टी ऑडिट

  • साल में कम से कम एक बार कराना जरूरी।

  • खामियों को तुरंत ठीक करना।

  • ऑडिट रिपोर्ट को रजिस्टर में दर्ज करना।


12. सरकार और नागरिक की भूमिका

  • सरकार – नियम बनाना और लागू करवाना।

  • नागरिक – नियमों का पालन करना और हादसे में मदद करना।


13. आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

  • स्मार्ट फायर अलार्म सिस्टम।

  • IoT-बेस्ड फायर मॉनिटरिंग।

  • ऑटोमैटिक वाटर/फोम स्प्रिंकलर।


14. बच्चों और बुजुर्गों के लिए खास गाइडलाइन

  • बच्चों को फायर सेफ्टी गेम्स और ड्रिल से सिखाएं।

  • बुजुर्गों के कमरे में अलार्म और आसान एग्जिट रखें।


15. Progress India का संदेश

  • फायर सेफ्टी सिर्फ नियम नहीं, जीवन बचाने की जिम्मेदारी है।

  • हादसा होने से पहले तैयारी करें, बाद में पछताने का मौका न मिले।

  • सुरक्षित भारत, प्रगतिशील भारत।


एक्शन प्लान (Quick Checklist)

☑ बिल्डिंग में फायर अलार्म और एक्सटिंग्विशर लगाएं।
☑ हर 6 महीने में फायर ड्रिल कराएं।
☑ NOC अपडेट रखें।
☑ बिजली और गैस सिस्टम की जांच करें।
☑ स्टाफ को फायर सेफ्टी ट्रेनिंग दें।


अगर आप चाहें 

Private Security Guard Act (PSARA) 2005 – लाइसेंस, नियम और फायदे | Progress India

कंपनी अधिनियम 2013: भारत में कंपनी बनाने, चलाने और कानूनी नियमों की पूरी गाइड | Progress India

Wages Code 2019: न्यूनतम वेतन, बोनस और कर्मचारी अधिकार की पूरी जानकारी | Progress India

FAQs

Q1. Fire & Safety Act क्या है?
यह भारत में अग्नि सुरक्षा के लिए बनाया गया कानून है, जो बिल्डिंग, फैक्ट्री और पब्लिक प्लेस में आग से बचाव के नियम तय करता है।

Q2. फायर NOC कब जरूरी है?
किसी भी बड़ी बिल्डिंग, मॉल, होटल, हॉस्पिटल, या इंडस्ट्रियल यूनिट के संचालन से पहले स्थानीय फायर डिपार्टमेंट से NOC लेना जरूरी है।

Q3. Fire & Safety Act का पालन न करने पर क्या सजा है?
जुर्माना, बिजनेस लाइसेंस रद्द, और गंभीर मामलों में जेल की सजा भी हो सकती है।

Q4. फायर सेफ्टी के बेसिक उपाय क्या हैं?
फायर अलार्म, फायर एक्सटिंग्विशर, इमरजेंसी एग्जिट, और नियमित फायर ड्रिल करना सबसे जरूरी है।

Q5. फायर ड्रिल कितनी बार करनी चाहिए?
कम से कम हर 6 महीने में एक बार सभी कर्मचारियों के साथ फायर ड्रिल करनी चाहिए।

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