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GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-4, CMP-08 और GSTR-9 क्या है? | GST Return Filing Guide 2025

एक डेस्क पर जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2, जीएसटीआर-3बी, सीएमपी-08, जीएसटीआर-9, और जीएसटीआर-9सी दस्तावेजों का ढेर, कार्यालय की पृष्ठभूमि में।

GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-4 और GSTR-9 क्या है? पूरी जानकारी | Progress India


 परिचय

GST रिटर्न भरना बहुत लोगों को मुश्किल लगता है। लेकिन अगर आप समझदारी से हर फॉर्म को जान लें – जैसे GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-4, CMP-08 और GSTR-9 – तो ये उतना जटिल नहीं रहेगा। इस लेख में हम इन्हें  साफ-सुथरे पॉइंट्स में समझेंगे – ताकि हर व्यापारी, स्टूडेंट या स्टार्टअप इसे आसानी से समझ सके।


 GST Return क्या होता है?

GST रिटर्न एक ऑनलाइन डॉक्यूमेंट होता है, जिसमें आप अपने बिज़नेस की बिक्री, खरीद, टैक्स का भुगतान और टैक्स क्रेडिट की जानकारी सरकार को देते हैं।

हर रजिस्ट्रर्ड व्यक्ति को यह फॉर्म समय पर भरना होता है।


 GSTR-1 – बिक्री की जानकारी

GSTR-1 क्या है?
आपने महीने में जितनी भी बिक्री की है, उसका पूरा ब्योरा इस फॉर्म में भरते हैं।

GSTR-1 कब भरना होता है?
👉 महीने की 11 तारीख तक (पिछले महीने की बिक्री के लिए)

किन्हें भरना होता है?
👉 नॉर्मल टैक्सपेयर्स (जो कंपोजिशन स्कीम में नहीं हैं)

क्या-क्या भरना होता है?

  • B2B इनवॉइस

  • B2C बड़ी बिक्री (₹2.5 लाख से ऊपर)

  • एक्सपोर्ट की बिक्री

  • डेबिट/क्रेडिट नोट्स


 GSTR-3B – मासिक समरी

GSTR-3B क्या है?
ये एक सारांश फॉर्म है जिसमें आप कुल बिक्री, खरीद और टैक्स का भुगतान बताते हैं।

GSTR-3B कब भरना होता है?
👉 आमतौर पर महीने की 20 तारीख तक (कुछ राज्यों के लिए 22 या 24 तारीख)

क्या-क्या भरना होता है?

  • कुल टैक्सेबल बिक्री

  • इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC)

  • देय टैक्स और उसका भुगतान


 GSTR-4 – कंपोजिशन स्कीम वालों के लिए

GSTR-4 क्या है?
जो व्यापारी कंपोजिशन स्कीम में आते हैं, वे यह फॉर्म भरते हैं।

GSTR-4 कब भरना होता है?
👉 साल में एक बार — 30 अप्रैल तक

कंपोजिशन स्कीम कौन लेता है?
👉 छोटे व्यापारी जिनका टर्नओवर ₹1.5 करोड़ से कम है (कुछ राज्यों में ₹75 लाख)

क्या-क्या भरना होता है?

  • कुल टर्नओवर

  • टैक्स की देनदारी

  • भुगतान विवरण


 GSTR-9 – सालाना रिटर्न

GSTR-9 क्या है?
ये पूरे साल का GST समरी रिटर्न है, जिसमें आप GSTR-1 और GSTR-3B की रिपोर्ट को एक जगह दिखाते हैं।

GSTR-9 कब भरना होता है?
👉 हर साल 31 दिसंबर तक (पिछले वित्तीय वर्ष के लिए)

किन्हें भरना होता है?
👉 जिनका सालाना टर्नओवर ₹2 करोड़ से ज्यादा है, उन्हें GSTR-9C (ऑडिट) भी भरना होता है।

क्या-क्या भरना होता है?

  • सालभर की बिक्री

  • ITC का उपयोग

  • टैक्स का भुगतान

  • कोई गलती या संशोधन


 GST Return Filing Step-by-Step (सभी फॉर्म के लिए)

  1. GST पोर्टल पर लॉगिन करें
    👉 https://www.gst.gov.in

  2. Returns Dashboard में जाएं

  3. सही रिटर्न और सही टैक्स पीरियड चुनें

  4. इनवॉइस/डेटा अपलोड करें
    👉 GSTR-1 में बिक्री के इनवॉइस
    👉 GSTR-3B में टैक्स समरी
    👉 GSTR-4 में सालाना टर्नओवर
    👉 GSTR-9 में ऑडिटेड समरी

  5. प्रीव्यू और वैलिडेट करें

  6. DSC या OTP से सबमिट करें

  7. टैक्स पेमेंट करें (अगर बकाया है)


 क्या होता है अगर रिटर्न फाइल न करें?

  • ₹50 प्रतिदिन की लेट फीस (₹20 प्रतिदिन यदि NIL रिटर्न है)

  • ब्याज (18% सालाना)

  • अगले रिटर्न फाइल करने पर रोक

  • ITC ब्लॉक हो सकता है


 प्रो टिप्स

  • GSTR-1 में गलती? अगली बार संशोधन करें

  • GSTR-3B में ITC गलत? अगले महीने एडजस्ट करें

  • GSTR-4 में कर भुगतान नहीं किया? जुर्माना और ब्याज लगेगा

  • GSTR-9 के लिए ऑडिटर की मदद लें, अगर टर्नओवर ₹2 करोड़ से ऊपर है


 छोटे व्यापारियों के लिए आसान ऐप्स

  • ClearTax GST

  • Zoho GST

  • Vyapar App

  • Khatabook GST

इनसे आप मोबाइल से ही GST इनवॉइस और रिटर्न तैयार कर सकते हैं।


छोटे दुकानदारों, ग्रामीण व्यापारियों और पहली बार GST से जुड़े युवाओं के लिए यह प्रक्रिया कभी-कभी डरावनी लगती है। लेकिन धीरे-धीरे समझ आए तो इसे एक मासिक या सालाना आदत की तरह अपनाया जा सकता है।

जैसे:

"शुरुआत में हमें भी डर लगा था, पर अब हर महीने की 10 तारीख से पहले ही GSTR-1 भरना रूटीन बन गया है।"


📢 FAQs

Q. क्या NIL रिटर्न भी भरना जरूरी है?
👉 हां, अगर कोई बिक्री नहीं भी हुई है तब भी NIL रिटर्न भरना जरूरी है।

Q. GSTR-3B में गलती हो जाए तो क्या करें?
👉 अगले महीने सही करके एडजस्ट करें।

Q. क्या सभी व्यापारियों को GSTR-9 भरना होता है?
👉 नहीं, जिनका सालाना टर्नओवर ₹2 करोड़ से कम है, उन्हें GSTR-9C जरूरी नहीं।

Q. कंपोजिशन स्कीम के लिए तिमाही में कुछ फॉर्म भरना होता है?
👉 पहले CMP-08 तिमाही भरना होता था, अब GSTR-4 में सालाना रिपोर्ट होता है।

CMP-08 एक फॉर्म है जो कंपोजिशन स्कीम के तहत रजिस्टर्ड GST करदाताओं द्वारा प्रत्येक तिमाही में भरा जाता है। इसमें वे अपनी कुल बिक्री, टैक्स देनदारी और टैक्स भुगतान की जानकारी देते हैं।


 CMP-08 क्या है?

CMP-08 एक सेल्फ-असेसमेंट रिटर्न है जिसमें कंपोजिशन स्कीम वाले व्यापारी अपनी:

  • तिमाही कुल बिक्री (Turnover)

  • टैक्स देनदारी

  • पहले भरे गए टैक्स की जानकारी
    दर्ज करते हैं।


 CMP-08 फॉर्म की फाइलिंग डेट

  • हर तिमाही की समाप्ति के अगले महीने की 18 तारीख तक फाइल करना होता है।

    तिमाही अंतिम तिथि CMP-08
    अप्रैल–जून 18 जुलाई
    जुलाई–सितंबर 18 अक्टूबर
    अक्टूबर–दिसंबर 18 जनवरी
    जनवरी–मार्च 18 अप्रैल

 कौन भरता है CMP-08?

  • वह व्यापारी जो GST कंपोजिशन स्कीम के तहत रजिस्टर्ड हैं।

  • जिनकी वार्षिक टर्नओवर ₹1.5 करोड़ (कुछ राज्यों में ₹75 लाख) तक है।

  • उन्हें मासिक GSTR-1 और GSTR-3B भरने की जरूरत नहीं होती।


 CMP-08 में क्या-क्या भरना होता है?

  1. बिक्री की कुल राशि (Turnover)

  2. इनकम टैक्स देनदारी (CGST, SGST, IGST)

  3. पिछली बार की टैक्स पेमेंट

  4. अगर कोई टैक्स बाकी है, तो भुगतान करें


 CMP-08 ऑनलाइन कैसे फाइल करें?

  1. GST पोर्टल पर लॉगिन करें।

  2. Returns Dashboard में जाएं।

  3. Financial Year और Quarter चुनें।

  4. CMP-08 पर क्लिक करें और फॉर्म भरें।

  5. टैक्स की गणना करें और ऑनलाइन भुगतान करें।

  6. File with DSC या EVC से फाइल करें।


 CMP-08 और GSTR-4 में क्या फर्क है?

बिंदु CMP-08 GSTR-4
प्रकार तिमाही स्टेटमेंट सालाना रिटर्न
फाइलिंग हर तिमाही हर वित्त वर्ष के अंत में
उद्देश्य टैक्स भुगतान और सेल रिपोर्ट पूरा वर्ष का समरी रिटर्न

 देरी से फाइल करने पर क्या होगा?

  • ₹200 प्रतिदिन (₹100 CGST + ₹100 SGST) लेट फीस।

  • अधिकतम ₹5,000 तक लेट फीस लग सकती है।

  • साथ में ब्याज (Interest) भी लगेगा।


 कंपोजिशन स्कीम वालों को यह भी याद रखना चाहिए:

  • वे टैक्स इनवॉइस नहीं बना सकते, सिर्फ बिल ऑफ सप्लाई जारी करते हैं।

  • ITC (Input Tax Credit) का लाभ नहीं मिलता।

  • सालाना GSTR-4 जरूर फाइल करें।


 छोटे व्यापारियों के लिए CMP-08 क्यों जरूरी है?

  • प्रक्रिया सरल होती है।

  • टैक्स की दर कम होती है (0.5%–1% तक)।

  • छोटे दुकानदार, रिटेलर, कैटरर आदि के लिए उपयुक्त।


अगर आप कंपोजिशन स्कीम में हैं, तो CMP-08 को समय पर भरना आपकी कानूनी ज़िम्मेदारी है। इससे आप GST-compliant रहते हैं और भारी जुर्माने से बचते हैं।

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