Skip to main content

SHG (Self Help Group): गांव की ताकत, महिलाओं की पहचान

 

स्वयं सहायता समूह की बैठक का चित्र, जिसमें ग्रामीण भारतीय महिलाएँ रंग-बिरंगी साड़ियों में बैठी हुई हैं, पृष्ठभूमि में खुला ग्रामीण परिदृश्य दिखाई दे रहा है
स्वयं सहायता समूह यानी SHG
स्रोत: Progress India | अपडेटेड: जुलाई 2025


 1. क्या होता है SHG (स्व-सहायता समूह)?

  • SHG का पूरा नाम है Self Help Group (स्व-सहायता समूह)

  • यह एक छोटा समूह होता है, जिसमें आमतौर पर 10 से 20 ग्रामीण महिलाएं शामिल होती हैं।

  • ये महिलाएं मिलकर हर महीने एक तय राशि जमा करती हैं और फिर जरूरत पड़ने पर आपस में लोन देती हैं

  • समूह का उद्देश्य: आर्थिक मजबूती, आत्मनिर्भरता और सामूहिक उन्नति


 2. SHG क्यों जरूरी है गांवों में?

  • क्योंकि गांव की महिलाओं के पास अक्सर बैंक तक पहुंच नहीं होती

  • पति या परिवार पर आर्थिक निर्भरता होती है।

  • SHG उन्हें खुद कमाने, बचाने और निवेश करने की ताकत देता है

  • आत्मविश्वास बढ़ता है, पहचान बनती है और निर्णय लेने की क्षमता आती है


 3. SHG कैसे बनता है?

स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया:

  1. 10-20 महिलाएं मिलकर SHG बनाती हैं।

  2. वे एक नेता, सचिव और कोषाध्यक्ष का चुनाव करती हैं।

  3. हर सदस्य एक तय राशि (₹100-₹500) महीने में जमा करती है।

  4. समूह एक बैंक खाता खुलवाता है।

  5. धीरे-धीरे छोटे लोन देना और चुकाना शुरू होता है।

  6. अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड पर सरकार से लोन व सब्सिडी मिलती है


 4. SHG का सरकारी और बैंक सहयोग

  • NRLM (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) SHG को सपोर्ट करता है।

  • बैंकों से कम ब्याज पर लोन मिलते हैं (7% या इससे कम)।

  • डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए बैंकिंग करेस्पॉन्डेंट सखी की ट्रेनिंग दी जाती है।

  • राज्य सरकारें SHG के लिए क्लस्टर लेवल फेडरेशन बनाती हैं।


 5. SHG से महिलाओं को कैसे बदल रहा है जीवन?

 परिवर्तन:

  • सीता देवी, मध्यप्रदेश: खेती से जुड़ी और SHG लोन से ऑर्गेनिक सब्जियों की दुकान खोली।

  • रजनी, बिहार: समूह से 10,000 का लोन लेकर सिलाई सेंटर खोला, अब 5 और लड़कियों को ट्रेनिंग देती हैं।

  • रुबीना, उत्तर प्रदेश: SHG से मिली मदद से गृह-उद्योग स्टार्ट किया, Amazon पर बिक्री शुरू।


 6. SHG से कौन-कौन से काम किए जा सकते हैं?

संभावित रोजगार/उद्यम:

  • मसाले और अचार निर्माण

  • दोना-पत्तल बनाना

  • मोमबत्ती और अगरबत्ती

  • मुर्गी पालन, बकरी पालन

  • जैविक खाद/वर्मी कम्पोस्ट

  • हस्तकला और कढ़ाई काम

  • डिजिटल सेवाएं (CSC, बैंकिंग, बीमा)


 7. SHG का फायदा कैसे उठाएं?

ऐसे करें शुरुआत:

  • अपने गांव की आंगनबाड़ी, पंचायत या NRLM दफ्तर से संपर्क करें

  • SHG बनने और चलाने की ट्रेनिंग लें

  • समूह में भरोसा और अनुशासन जरूरी है

  • समय पर पैसे जमा करना और चुकाना न भूलें।

  • लोन का उपयोग सही जगह करें और प्रगति को साझा करें


 8. डिजिटल युग में SHG

 अब SHG भी डिजिटल हो रहे हैं:

  • UPI और मोबाइल बैंकिंग से भुगतान।

  • SHG App और पोर्टल से प्रगति ट्रैकिंग

  • E-commerce प्लेटफॉर्म पर बिक्री के अवसर

  • राज्य सरकारें अब SHG उत्पादों के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस बना रही हैं


 9. DIDI Drone, BC Sakhi जैसी नई पहलें

 SHG महिलाओं के लिए नए-नए दरवाजे खुल रहे हैं:

  • DIDI Drone योजना के तहत महिलाएं अब ड्रोन उड़ाकर खेती का सर्वे, स्प्रे आदि कर रही हैं।

  • BC Sakhi के रूप में महिलाएं गांवों में बैंकिंग सेवाएं दे रही हैं – ATM जैसी सुविधा।

  • ये योजनाएं SHG नेटवर्क के जरिए ही फैल रही हैं।


 10. SHG: सिर्फ पैसे का नहीं, आत्मबल का आंदोलन

 SHG महिलाओं को सिर्फ लोन नहीं देता, बल्कि:

  • उन्हें सुनना सिखाता है

  • नेतृत्व करना सिखाता है

  • आत्मनिर्भर बनाता है

  • परिवार, समाज और गांव को बदलता है


 11. SHG से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q. क्या कोई भी महिला SHG में जुड़ सकती है?
हाँ, बशर्ते वह उस SHG के नियमों को मानती हो।

Q. SHG से कितना लोन मिल सकता है?
समूह की कार्यशैली और बैंक रिकॉर्ड के अनुसार ₹50,000 से ₹5 लाख तक।

Q. लोन चुकाने की समयसीमा कितनी होती है?
सामान्यतः 6 से 24 महीने, पर बैंक और योजना के अनुसार बदलाव संभव है।

Q. SHG का अकाउंट कौन खोल सकता है?
समूह द्वारा चुनी गई अधिकृत सदस्य, संस्था के नाम से।

Q. क्या पढ़ी-लिखी होना जरूरी है?
नहीं, लेकिन बुनियादी पढ़ाई से काम आसान हो जाता है। ट्रेनिंग दी जाती है।


 12. SHG = शक्ति, सम्मान, स्वतंत्रता

  • SHG भारत की गांव-आधारित महिलाओं का सशक्तिकरण आंदोलन बन चुका है।

  • यह आंदोलन अब आर्थिक के साथ सामाजिक क्रांति भी ला रहा है।

  • आने वाले वर्षों में SHG महिलाओं के नेतृत्व में गांवों की दिशा और दशा बदलने वाला है।


आप भी अपनी बहन, मां, या गांव की महिलाओं को SHG से जोड़ें।
Progress India पर पढ़ते रहिए ऐसी ही प्रेरणादायक कहानियां।


अगर आप इस लेख को पसंद करें, तो शेयर जरूर करें 🙌
#SHG #SelfHelpGroup #महिला_सशक्तिकरण #GraminUdyog #ProgressIndia


लेख: Progress India टीम
डिज़ाइन और रिसर्च सपोर्ट:  Progress India डिजिटल साथी नेटवर्क

UIDAI Schemes 2025: आधार से जुड़ी सभी सरकारी सेवाएं और लाभ

PAN कार्ड कैसे बनवाएं – प्रक्रिया, ज़रूरी दस्तावेज़, स्टेटस चेक | Progress India

Comments

Popular posts from this blog

Sabla / Kishori Balika Yojana – किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम

सबल योजना / किशोरी बालिका योजना: बेटियों के स्वावलंबन की राह  भारत जैसे देश में जहां बेटियाँ एक तरफ देवी का रूप मानी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कई बार उन्हें शिक्षा, पोषण और सम्मान से वंचित भी रहना पड़ता है। एक किशोरी के जीवन में जब उसका शरीर और मन कई बदलावों से गुजरता है, तब उसे सबसे ज़्यादा मार्गदर्शन, पोषण, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसी संवेदना और ज़रूरत को समझते हुए भारत सरकार ने सबल योजना (जिसे किशोरी बालिका योजना भी कहा जाता है) की शुरुआत की — ताकि देश की बेटियाँ न सिर्फ स्वस्थ रहें, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनें। किशोरी – एक संवेदनशील मोड़ जब कोई बच्ची 11-18 साल की उम्र में प्रवेश करती है, तो यह उसका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सबसे संवेदनशील और निर्णायक समय होता है। इस उम्र में वह न तो पूरी तरह से बच्ची रहती है, न पूरी तरह से वयस्क। वह अपनी पहचान, आत्म-विश्वास और समाज में अपने स्थान को लेकर संघर्ष कर रही होती है। ग्रामीण भारत में स्थिति और भी कठिन है — यहाँ अधिकांश किशोरियाँ या तो स्कूल छोड़ चुकी होती हैं, या घरेलू जिम्मेदारियों में डूब चुकी होती हैं। उन्हे...

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 – किसानों की समृद्धि

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – किसानों के समृद्धि की नई उम्मीद भारत की आत्मा गांवों में बसती है, और गांवों की आत्मा हमारे किसान हैं। हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ खेतों में हल जोतता किसान, तपती दोपहर में फसलों को सींचता किसान और रात के अंधेरे में भी अपने खेत की रखवाली करता किसान — यही तो हैं हमारे देश की असली रीढ़। ऐसे में जब केंद्र सरकार किसानों की स्थिति सुधारने और उनकी आमदनी दोगुनी करने की बात करती है, तो यह सिर्फ एक नीति नहीं होती, बल्कि करोड़ों उम्मीदों की नींव होती है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना? प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है — किसानों की आय बढ़ाना, फसलों की उत्पादकता सुधारना, और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश करना। यह योजना किसानों को बेहतर बीज, सस्ती दरों पर उर्वरक, सिंचाई की सुविधा, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और फसल की सही कीमत दिलाने में मदद करती है। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि भारत का हर किसान आत्मनिर्भर बन...

नया राशन कार्ड बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन गाइड 2025

ऑनलाइन राशन कार्ड आवेदन करते महिला नया राशन कार्ड कैसे बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके राशन कार्ड केवल एक दस्तावेज नहीं है, यह आम आदमी के अधिकारों और गरिमा की पहचान है। भारत जैसे देश में, जहाँ करोड़ों परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारते हैं, राशन कार्ड उनके लिए सरकारी सहायता का प्रमुख जरिया है। यह न केवल सस्ता अनाज पाने का हक देता है, बल्कि पहचान, निवास प्रमाण और कई सरकारी योजनाओं से जुड़ने का ज़रिया भी बनता है। ऐसे में यदि आपके पास राशन कार्ड नहीं है, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। यहाँ हम सरल भाषा में बताएंगे कि नया राशन कार्ड कैसे बनवाएं – वो भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से, ताकि आपकी जेब और समय दोनों की बचत हो। क्यों ज़रूरी है राशन कार्ड? कल्पना कीजिए कि किसी गरीब बुज़ुर्ग महिला को महीने का गुज़ारा करना है – न कोई पेंशन, न कमाई का जरिया। राशन कार्ड के ज़रिए वह महिला सरकार से 1-2 रुपये किलो में अनाज पाती है, जिससे उसका पेट भरता है। इसी तरह, एक मजदूर परिवार को भी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरा करने के लिए सरकारी राशन का सहारा होता है। राशन कार्ड के बिना ये सारी मददे...