Skip to main content

उत्तर प्रदेश: जन्मजात विकारों वाले बच्चों के लिए मुफ्त सर्जरी योजना

 उत्तर प्रदेश में जन्मजात विकारों वाले (congenital disorders) बच्चों के लिए मुफ्त सर्जरी का लाभ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के माध्यम से उपलब्ध होता है। यह योजना 0–18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को निशुल्क इलाज, स्क्रीनिंग और सर्जरी उपलब्ध कराती है।👇


🩺 योजना क्या है?

  • RBSK – लक्ष्य “4 Ds”: जन्मजात दोष (Defect at Birth), कमी (Deficiency), रोग (Disease), और विकास में देरी (Development Delay)।

  • 0–18 वर्ष तक के बच्चे स्क्रीनिंग और आवश्यक सर्जरी के लिए पात्र हैं ।


✔️ कौन लाभ उठा सकता है?

  • जन्मजात विकार जैसे—

    • होंठ/तालु का फटना (cleft lip/palate)

    • जन्मजात हृदय दोष (congenital heart disease)

    • न्यूरल ट्यूब दोष (neural tube defect), जलोन्वित विकार आदि।

  • विशिष्ट आयु समूह में उपचार एवं सर्जरी:

    • 0–6 वर्ष = District Early Intervention Centres (DEIC)

    • 6–18 वर्ष = सरकारी अस्पतालों के माध्यम से।


📋 कौन से विकार कवर में?

  • क्लीफ्ट होंठ/तालु, जन्मजात हृदय दोष, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट, मोतियाबिंद, दृष्टिहानि, मस्कुलर डिसऑर्डर, विकृत हाथ/पैर आदि।


🏥 कहां और कैसे करे लाभार्थी बनें?

  1. स्क्रीनिंग प्रक्रिया

    • जन्म के बाद अस्पताल में, आंगनबाड़ी/स्कूलों में mobile health teams द्वारा जांच होती है।

  2. संकेत और रेफरल

    • यदि विकार पाया जाता है तो बच्चा DEIC या नजदीकी सरकारी अस्पताल में रेफर होता है (upnrhm.gov.in)।

  3. मुफ्त इलाज

    • वहां डॉक्टरों द्वारा निशुल्क जांच, तैयारी और सर्जरी की जाती है, जिसमें अस्पताल खर्च, डॉक्टर फीस, ऑपरेशन, दवाइयां और आसपास का इलाज शामिल है ।

  4. बैंकिंग/मरीज सुविधाएँ

    • इलाज के दौरान आवागमन, मेडिकल सहायता व रहने की सुविधा की व्यवस्था की जाती है और पारदर्शी निगरानी होती है।


✅ सर्जरी कैसे मिलती है?

  • उदाहरण: महाराजगंज जिले में 188 बच्चों ने मुफ्त सर्जरी करवाई—जनरेटिंग चेलेट होंठ, हृदय दोष, न्यूरल ट्यूब विकार आदि की सफलताएँ ।

  • चित्रकूट जिले में होंठ फटे मासूम को सर्जरी की गई और माता‑पिता को बड़ी राहत मिली ।


📞 क्या करें—अपने बच्चे के लिए आवेदन कैसे करें?

  1. पहचान:

    • बच्चा जन्मजात विकार से प्रभावित हो या गंभीर विकास संबंधी देरी दिखाए।

  2. पहली संपर्क:

    • आंगनबाड़ी, स्कूल, या जिला अस्पताल में जाकर RBSK टीम को बताएं।

  3. स्क्रीनिंग और रेफरल:

    • टीम आपको DEIC अथवा नजदीकी सरकारी अस्पताल में जांच के लिए भेजेगी।

  4. इलाज और फॉलो-अप:

    • विशेषज्ञ टीम निशुल्क इलाज प्रदान करेगी; ऑपरेशन व दवा फ्री में होंगे।


📝 ध्यान रखने योग्य बातें

  • यह सुविधा राज्य सरकार और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सहयोग से होती है, किसी शुल्क की आवश्यकता नहीं।

  • लाभार्थियों को कोई आयु सीमा नहीं—0 से लेकर 18 वर्ष तक सभी कवर हैं, कुछ मामलों में मेडिकल ज़रूरत पर अधिक आयु तक (upnrhm.gov.in)।

  • सर्जरी के बाद फॉलो-अप / थैरपी की सुविधा भी प्रदान की जाती है।


🔚 संक्षेप

  • राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना (RBSK) के तहत UP में बच्चों की स्क्रीनिंग सभी आंगनबाड़ी और स्कूल स्तर पर होती है।

  • गंभीर जन्मजात दोष पाए जाने पर कोई शुल्क नहीं व सर्जिकल सहायता मिलती है।

  • लाभ के लिए सीधे DEIC या सरकारी अस्पताल से संपर्क करें—ऑपरेशन, मेडिकल खर्च और रिहैबिलिटेशन मुफ्त है।

  • सहायता के लिए हमें ईमेल करें


Comments

Popular posts from this blog

Sabla / Kishori Balika Yojana – किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम

सबल योजना / किशोरी बालिका योजना: बेटियों के स्वावलंबन की राह  भारत जैसे देश में जहां बेटियाँ एक तरफ देवी का रूप मानी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कई बार उन्हें शिक्षा, पोषण और सम्मान से वंचित भी रहना पड़ता है। एक किशोरी के जीवन में जब उसका शरीर और मन कई बदलावों से गुजरता है, तब उसे सबसे ज़्यादा मार्गदर्शन, पोषण, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसी संवेदना और ज़रूरत को समझते हुए भारत सरकार ने सबल योजना (जिसे किशोरी बालिका योजना भी कहा जाता है) की शुरुआत की — ताकि देश की बेटियाँ न सिर्फ स्वस्थ रहें, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनें। किशोरी – एक संवेदनशील मोड़ जब कोई बच्ची 11-18 साल की उम्र में प्रवेश करती है, तो यह उसका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सबसे संवेदनशील और निर्णायक समय होता है। इस उम्र में वह न तो पूरी तरह से बच्ची रहती है, न पूरी तरह से वयस्क। वह अपनी पहचान, आत्म-विश्वास और समाज में अपने स्थान को लेकर संघर्ष कर रही होती है। ग्रामीण भारत में स्थिति और भी कठिन है — यहाँ अधिकांश किशोरियाँ या तो स्कूल छोड़ चुकी होती हैं, या घरेलू जिम्मेदारियों में डूब चुकी होती हैं। उन्हे...

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 – किसानों की समृद्धि

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – किसानों के समृद्धि की नई उम्मीद भारत की आत्मा गांवों में बसती है, और गांवों की आत्मा हमारे किसान हैं। हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ खेतों में हल जोतता किसान, तपती दोपहर में फसलों को सींचता किसान और रात के अंधेरे में भी अपने खेत की रखवाली करता किसान — यही तो हैं हमारे देश की असली रीढ़। ऐसे में जब केंद्र सरकार किसानों की स्थिति सुधारने और उनकी आमदनी दोगुनी करने की बात करती है, तो यह सिर्फ एक नीति नहीं होती, बल्कि करोड़ों उम्मीदों की नींव होती है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना? प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है — किसानों की आय बढ़ाना, फसलों की उत्पादकता सुधारना, और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश करना। यह योजना किसानों को बेहतर बीज, सस्ती दरों पर उर्वरक, सिंचाई की सुविधा, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और फसल की सही कीमत दिलाने में मदद करती है। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि भारत का हर किसान आत्मनिर्भर बन...

नया राशन कार्ड बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन गाइड 2025

ऑनलाइन राशन कार्ड आवेदन करते महिला नया राशन कार्ड कैसे बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके राशन कार्ड केवल एक दस्तावेज नहीं है, यह आम आदमी के अधिकारों और गरिमा की पहचान है। भारत जैसे देश में, जहाँ करोड़ों परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारते हैं, राशन कार्ड उनके लिए सरकारी सहायता का प्रमुख जरिया है। यह न केवल सस्ता अनाज पाने का हक देता है, बल्कि पहचान, निवास प्रमाण और कई सरकारी योजनाओं से जुड़ने का ज़रिया भी बनता है। ऐसे में यदि आपके पास राशन कार्ड नहीं है, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। यहाँ हम सरल भाषा में बताएंगे कि नया राशन कार्ड कैसे बनवाएं – वो भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से, ताकि आपकी जेब और समय दोनों की बचत हो। क्यों ज़रूरी है राशन कार्ड? कल्पना कीजिए कि किसी गरीब बुज़ुर्ग महिला को महीने का गुज़ारा करना है – न कोई पेंशन, न कमाई का जरिया। राशन कार्ड के ज़रिए वह महिला सरकार से 1-2 रुपये किलो में अनाज पाती है, जिससे उसका पेट भरता है। इसी तरह, एक मजदूर परिवार को भी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरा करने के लिए सरकारी राशन का सहारा होता है। राशन कार्ड के बिना ये सारी मददे...