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मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना – बेटियों की शादी में सरकार देगी ₹55,000 की सम्मान राशि

"मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह में लाल जोड़ा पहने मुस्कुराती हुई नवविवाहित कन्या और उसका दूल्हा, मंच पर सरकारी बैनर के साथ।"

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना – मध्य प्रदेश: बेटियों के सपनों में संबल की सरकार 


प्रस्तावना

बेटियाँ हमारे समाज की रचनात्मक शक्ति हैं। वे जब शिक्षित होती हैं, तो परिवार सशक्त होता है। जब वे सशक्त होती हैं, तो समाज प्रगतिशील होता है। लेकिन भारत जैसे देश में, खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में, बेटियों के विवाह को बोझ समझा जाता है। गरीब माँ-बाप बेटी के हाथ पीले करने से पहले वर्षों तक चिंता और तनाव में डूबे रहते हैं।

इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने शुरू की मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, जो न केवल एक सामाजिक सहयोग है, बल्कि एक संवेदनशील कदम है — बेटियों को सम्मान, सहयोग और स्वाभिमान देने की दिशा में।


योजना क्या है?

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना मध्य प्रदेश सरकार की एक प्रमुख सामूहिक विवाह योजना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों, विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं के विवाह हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

यह योजना राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित की जाती है और इसके माध्यम से लाभार्थी को शादी के आयोजन से लेकर आवश्यक सामग्री तक हर चीज में सहायता मिलती है।


उद्देश्य

  • निर्धन परिवार की बेटियों की सम्मानपूर्वक शादी सुनिश्चित करना।

  • विवाह के कारण आर्थिक बोझ कम करना

  • दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाना

  • लड़के और लड़की दोनों को आत्मनिर्भर और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना।

  • बेटियों के विवाह को सम्मानजनक सामाजिक कार्यक्रम बनाना।


क्या-क्या मिलता है योजना के अंतर्गत?

2023 तक योजना के तहत ₹51,000 तक की सहायता दी जाती थी, लेकिन 2024-25 में इसे ₹55,000 तक किया गया। यह सहायता निम्न रूप में मिलती है:

  1. ₹48,000 नकद राशि लड़की के बैंक खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) द्वारा भेजी जाती है।

  2. ₹3,000 की सामग्री, जिसमें बर्तन, वस्त्र, पलंग, पंखा, साड़ी-सूट, और अन्य घरेलू आवश्यक वस्तुएँ शामिल होती हैं।

  3. सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन सरकार द्वारा करवाया जाता है।


कौन-कौन पात्र है?

इस योजना का लाभ लेने के लिए नीचे दी गई पात्रताएँ ज़रूरी हैं:

  • मध्य प्रदेश की निवासी होनी चाहिए।

  • लड़की की उम्र कम से कम 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष होनी चाहिए।

  • परिवार बीपीएल सूची में शामिल हो या समग्र आईडी से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में हो।

  • पहली बार विवाह कर रहे हों (कुछ मामलों में विधवा/तलाकशुदा महिलाएँ भी पात्र हैं)।

  • लड़की के नाम से बैंक खाता होना अनिवार्य है।


आवेदन कैसे करें?

  1. निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र, ग्राम पंचायत या जनपद कार्यालय से संपर्क करें।

  2. ऑनलाइन आवेदन पोर्टल के माध्यम से फॉर्म भरें: mukhyamantrikanyavivah.mp.gov.in

  3. निम्नलिखित दस्तावेज़ संलग्न करें:

    • आधार कार्ड

    • समग्र आईडी

    • निवास प्रमाण

    • आय प्रमाण पत्र

    • उम्र प्रमाण (10वीं की मार्कशीट/बर्थ सर्टिफिकेट)

    • बैंक पासबुक की कॉपी

  4. विवाह तिथि और सामूहिक आयोजन की सूचना विभाग से प्राप्त करें।

  5. योजना के अंतर्गत शादी सामूहिक विवाह समारोह में ही होगी।


योजना की मानवीय झलकियाँ: बेटियों की मुस्कान

नीलम यादव, जो कि सतना जिले की निवासी है, कहती हैं:
"पिता मजदूरी करते हैं। मेरे लिए शादी की तैयारी करना उनके लिए मुश्किल था। सरकार की मदद से मेरी शादी आदर और गरिमा के साथ हुई। अब मैं भी अपने ससुराल में सम्मान के साथ रहती हूँ।"

संगीता रायकवार, एक तलाकशुदा महिला, बताती हैं:
"दूसरी शादी करने में समाज कई बार रोड़ा बनता है, पर इस योजना के कारण मुझे न केवल सहायता मिली बल्कि समाज ने भी खुले दिल से स्वीकार किया। ये योजना केवल पैसे की मदद नहीं, सम्मान की भी योजना है।"


इस योजना के सामाजिक प्रभाव

  1. दहेज प्रथा में कमी: जब सरकार शादी का खर्च उठाती है, तो दहेज की मांग घटती है।

  2. बाल विवाह पर रोक: उम्र सीमा अनिवार्य होने से कम उम्र की शादियाँ रोकी जाती हैं।

  3. महिलाओं को सामाजिक मान्यता: समाज में महिला की स्थिति मजबूत होती है।

  4. गरीब परिवारों को राहत: जिन परिवारों के पास साधन नहीं हैं, उन्हें बड़ा सहारा मिलता है।

  5. सामूहिक विवाह से खर्च और समय की बचत होती है।


चुनौतियाँ और सुझाव

कोई भी योजना तभी सफल होती है जब वह हर जरूरतमंद तक पहुंचे। इस योजना की कुछ चुनौतियाँ भी सामने आती हैं:

  • सूचना की कमी: कई गाँवों तक योजना की सही जानकारी नहीं पहुँचती।

  • दस्तावेज़ी प्रक्रिया जटिल लगती है गरीब लोगों को।

  • कुछ आयोजन शुद्ध रूप से दिखावा बन जाते हैं, जिसमें असली लाभार्थी छूट जाते हैं।

  • कई बार राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पात्रता सूची प्रभावित होती है।

समाधान:

  • पंचायत और वार्ड स्तर पर स्थायी सहायता केंद्र बनाए जाएं।

  • डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया जाए।

  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और शिक्षकों को ब्रांड एम्बेसडर की तरह इस्तेमाल किया जाए।

  • हर विवाह आयोजन का स्थानीय मीडिया में प्रकाशन अनिवार्य हो।


सरकार की संवेदनशीलता

2025 में जब सरकार ने इस योजना के तहत सहायता राशि को बढ़ाया, और सामूहिक विवाहों को और अधिक गरिमामयी बनाने के लिए निर्देश दिए, तो यह स्पष्ट हो गया कि यह योजना केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि बेटियों के आत्मसम्मान की योजना है

हर वर्ष हजारों बेटियों की शादी इस योजना के तहत हो रही है। जब वे लाल जोड़े में आत्मगौरव से मुस्कुराती हैं, तो वह मुस्कान केवल एक शादी की नहीं, उसके भविष्य की बुनियाद की मुस्कान होती है।


निष्कर्ष: बेटी बोझ नहीं, सम्मान है

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना एक प्रेरणादायक कदम है — यह बेटियों को कमजोर मानने वाली सोच को बदलने का प्रयास है।

यह योजना हमें यह सिखाती है कि जब सरकार और समाज साथ आते हैं, तो गरीब की बेटी भी शान से शादी कर सकती है, उसका सपना भी पूरे सम्मान के साथ हकीकत बन सकता है।

आइए, इस योजना को केवल एक सरकारी कार्यक्रम न मानें, बल्कि एक मानवीय आंदोलन समझें — जहां हर बेटी की शादी सिर्फ एक रस्म नहीं, उसकी पहचान, गरिमा और भविष्य की शुरुआत हो।


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मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना - FAQ

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना - सामान्य प्रश्न (FAQ)

यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों, विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के विवाह हेतु मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली आर्थिक सहायता योजना है।

वर्ष 2025 में योजना के अंतर्गत ₹55,000 की सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें ₹48,000 नकद और ₹7,000 की घरेलू सामग्री शामिल होती है।

  • मध्य प्रदेश की निवासी कन्या
  • 18 वर्ष या अधिक उम्र की महिला
  • बीपीएल, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, समग्र आईडी धारक
  • पहली बार विवाह कर रही हों (या विधवा/तलाकशुदा)
  • आवेदन निकटतम जनपद कार्यालय, आंगनवाड़ी या पंचायत के माध्यम से करें।
  • ऑनलाइन आवेदन पोर्टल: mukhyamantrikanyavivah.mp.gov.in
  • दस्तावेज़ों के साथ आवेदन सबमिट करें।
  • सामूहिक विवाह आयोजन में भाग लें।
  • आधार कार्ड
  • समग्र आईडी
  • आय प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण पत्र
  • 10वीं की मार्कशीट / जन्म प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक की कॉपी

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