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नक्शा से सीमांकन (Demarcation) कैसे करवाएं? | जमीन की सीमा तय करने की कानूनी प्रक्रिया (Progress India)

छवि जिसमें सूर्यास्त के समय समुद्र तट पर पत्थरों और घास के साथ सीमा का दृश्य दिखाई देता है
भूमि सीमांकन प्रक्रिया

 नक्शा से सीमांकन (Demarcation) कैसे करें? आसान गाइड

भारत में भूमि विवाद (Land Dispute) का सबसे बड़ा कारण है – ज़मीन की सही सीमाएँ तय न होना।
कई बार पड़ोसी जमीन में घुस जाते हैं, रास्ता रोक लेते हैं, या बिना अनुमति दीवार बना देते हैं।

👉 इस समस्या का एकमात्र सही समाधान है – सीमांकन (Demarcation)
सीमांकन से यह साफ हो जाता है कि किसका हिस्सा कहाँ तक है।

आइए जानते हैं – नक्शा से सीमांकन कैसे होता है, किससे करवाएँ और किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत पड़ेगी।


 सीमांकन क्यों जरूरी है?

  • ज़मीन की असली सीमा पता चलती है।

  • अवैध कब्ज़ा रोका जा सकता है।

  • जमीन का बंटवारा आसान होता है।

  • खरीद-फरोख्त में विवाद नहीं होता।

  • कोर्ट केस में पक्के सबूत मिलते हैं।


 सीमांकन से पहले क्या जांचें?

 क्या आपके पास खतियान / जमाबंदी की कॉपी है?
 क्या आपने नक्शा (Land Map) देखा है?
 क्या ज़मीन का खाता और खेसरा नंबर आपके नाम दर्ज है?
 क्या पड़ोसी के पास कोई दावा है?
 क्या पहले से कोई मुकदमा चल रहा है?

👉 अगर ये सब साफ है, तभी सीमांकन का आवेदन करें।


 सीमांकन करवाने की प्रक्रिया

 Step 1: आवेदन तैयार करें

  • अंचलाधिकारी (CO) को लिखित आवेदन दें।

  • आवेदन में लिखें:

    • खाता संख्या

    • खेसरा संख्या

    • मौजा

    • ज़मीन का पूरा विवरण

    • सीमांकन की मांग का कारण

आवेदन का नमूना:

सेवा में,  
अंचलाधिकारी,  
[अंचल का नाम], जिला – [जिला नाम]  

विषय: भूमि सीमांकन हेतु आवेदन  

महोदय,  
सविनय निवेदन है कि खाता संख्या ___, खेसरा संख्या ___, मौजा ___ में मेरी भूमि स्थित है।  
वर्तमान में इस भूमि की सही सीमा स्पष्ट नहीं है, जिसके कारण विवाद उत्पन्न हो गया है।  
अतः कृपया भूमि का सीमांकन कराकर सीमा स्पष्ट करने की कृपा करें।  

संलग्न: खतियान, नक्शा, रसीद, पहचान पत्र  
सधन्यवाद,  
[नाम, पता, मोबाइल]  

 Step 2: दस्तावेज़ संलग्न करें

✔ खतियान / जमाबंदी
✔ नक्शा
✔ लगान रसीद
✔ पहचान पत्र (आधार, वोटर ID)
✔ पड़ोसी की जानकारी (यदि हो)


 Step 3: सीमांकन शुल्क जमा करें

  • सीमांकन के लिए छोटा सा शुल्क देना पड़ता है।

  • शुल्क ऑनलाइन या राजस्व विभाग में जमा किया जा सकता है।

  • बिहार में यह प्रक्रिया Bhu-Naksha Portal और Bihar Bhumi वेबसाइट से भी होती है।


 Step 4: राजस्व कर्मचारी द्वारा मापी (Measurement)

  • राजस्व कर्मचारी (अमीन/कानूनगो) मौके पर आते हैं।

  • ज़मीन को नक्शे से मिलाते हैं।

  • खूटे (पिलर) गाड़कर असली सीमा बताते हैं।

  • रिपोर्ट बनाकर अंचलाधिकारी को सौंपते हैं।


 Step 5: सीमांकन रिपोर्ट प्राप्त करें

  • सीमांकन रिपोर्ट में यह साफ लिखा होता है कि किसका हिस्सा कहाँ तक है।

  • यह रिपोर्ट भविष्य में किसी भी कोर्ट केस या विवाद में सबूत की तरह काम आती है।


 ऑनलाइन सीमांकन कैसे करवाएँ?

👉 बिहार में इसके लिए भू-जन शिकायत पोर्टल उपलब्ध है।

स्टेप्स:

  1. वेबसाइट खोलें

  2. शिकायत श्रेणी चुनें – भूमि सीमांकन

  3. ऑनलाइन आवेदन भरें

  4. दस्तावेज़ अपलोड करें

  5. आवेदन नंबर नोट करें

  6. स्टेटस ऑनलाइन ट्रैक करें


 सीमांकन के लिए जरूरी दस्तावेज़

  • खतियान / जमाबंदी

  • नक्शा

  • लगान रसीद

  • सीमांकन शुल्क की रसीद

  • पहचान पत्र

  • गवाह / फोटो (यदि हो)


 सीमांकन में ध्यान रखने योग्य बातें

✔ हमेशा लिखित आवेदन करें
✔ आवेदन की कॉपी सुरक्षित रखें
✔ मौके पर मौजूद रहें
✔ पड़ोसी को भी सूचना दें
✔ नक्शा और रिपोर्ट की कॉपी ले लें

✘ खुद से सीमांकन करने की कोशिश न करें
✘ विवाद को झगड़े में न बदलें
✘ फर्जी कागज़ों पर भरोसा न करें
✘ मौखिक सहमति पर न रुकें – लिखित रिपोर्ट लें


 अगर सीमांकन न कराया जाए तो क्या हो सकता है?

  • पड़ोसी जमीन में कब्जा कर सकता है

  • खरीदने-बेचने में विवाद होगा

  • कोर्ट केस लम्बा चलेगा

  • सरकारी रिकॉर्ड में गड़बड़ी रह जाएगी

👉 इसलिए, ज़मीन की सुरक्षा के लिए सीमांकन कराना बेहद जरूरी है।


 अवैध कब्ज़ा रोकने और विवाद से बचने का सबसे सही तरीका है – नक्शा से सीमांकन

सीमांकन केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि आपकी जमीन की पहचान और सुरक्षा की गारंटी है।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी जमीन पर कभी कोई विवाद न हो –
तो आज ही नक्शा से सीमांकन कराएँ।

👉 याद रखिए –
"जिसकी जमीन की सीमा पक्की, उसका मालिकाना हक भी पक्का!"

👉 "अगर आपको सीमांकन में दिक्कत आ रही है तो यह आर्टिकल पढ़ें –

#ProgressIndia #Land #सीमांकन #भूनक्शा #PropertyRights


FAQ Section

Q1. सीमांकन क्यों जरूरी है?
सीमांकन से जमीन की असली सीमा तय होती है और विवाद या कब्ज़ा की संभावना कम हो जाती है।

Q2. सीमांकन करवाने के लिए किन दस्तावेज़ों की जरूरत है?
खतियान/जमाबंदी, नक्शा, लगान रसीद, पहचान पत्र और सीमांकन शुल्क की रसीद जरूरी है।

Q3. क्या सीमांकन ऑनलाइन कराया जा सकता है?
हाँ, बिहार में भू-जन शिकायत पोर्टल और भू-नक्शा पोर्टल से ऑनलाइन सीमांकन कराया जा सकता है।

Q4. सीमांकन कौन कराता है?
राजस्व कर्मचारी (अमीन/कानूनगो) मौके पर जाकर जमीन की मापी करके रिपोर्ट तैयार करते हैं।

Q5. सीमांकन न कराने से क्या नुकसान हो सकता है?
अगर सीमांकन न कराया जाए तो जमीन पर कब्ज़ा, विवाद और कोर्ट केस जैसी समस्याएँ हो सकती हैं।

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