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"JKREGP: गांव में रोज़गार, गांव में सम्मान – अपना काम, अपनी पहचान"

JKREGP (Jammu & Kashmir Rural Employment Generation Programme) को एक मानवीय स्पर्श, सरल भाषा और प्रेरणात्मक अंदाज़ में समझाते हैं — ताकि आप जान सकें कि यह योजना आपके लिए एक नया जीवन अवसर कैसे बन सकती है।


JKREGP – जम्मू-कश्मीर के गांवों में रोजगार और आत्मनिर्भरता की नई किरण

"अगर आप गांव में रहते हैं और कुछ बड़ा करना चाहते हैं – तो सरकार आपके साथ खड़ी है।"
JKREGP यानी Jammu & Kashmir Rural Employment Generation Programme
एक ऐसी योजना है जो गांव में रहने वाले युवाओं को रोजगार का साधन खुद बनने का मौका देती है


योजना का उद्देश्य

JKREGP का मकसद है:

  • गांवों में बेरोजगारी को कम करना

  • युवाओं को स्वरोज़गार के लिए लोन और सब्सिडी के ज़रिए प्रोत्साहित करना

  • स्थानीय संसाधनों का इस्तेमाल करके स्थायी और आत्मनिर्भर उद्यमों को जन्म देना


इस योजना में क्या-क्या मदद मिलती है?

लाभ विवरण
लोन ₹10 लाख तक अपने बिज़नेस के लिए
सब्सिडी 25% (ग्रामीण क्षेत्रों में) और 35% तक (महिला/SC/ST/OBC/अल्पसंख्यक/PH/Ex-Servicemen के लिए)
कोई गारंटी नहीं ₹10 लाख तक बिना बैंक गारंटी के लोन
ट्रेनिंग और गाइडेंस बिज़नेस शुरू करने से पहले और बाद में

कौन ले सकता है लाभ?

  • 18 से 40 वर्ष तक के जम्मू-कश्मीर के स्थायी निवासी

  • जो गांव में रहते हैं

  • 10वीं पास या उससे ऊपर की शिक्षा हो

  • किसी भी तरह की सरकारी नौकरी में न हों

  • और कभी किसी अन्य योजना से सब्सिडी न ली हो


कौन-कौन से बिजनेस शुरू कर सकते हैं?

आप लगभग कोई भी ऐसा उद्योग या सेवा शुरू कर सकते हैं जो गांव में चल सके, जैसे:

  • डेयरी यूनिट 

  • बेकरी या नमकीन निर्माण 

  • सिलाई-कढ़ाई केंद्र 

  • कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर 

  • वुडवर्क/फर्नीचर यूनिट 

  • मशरूम या मुर्गी पालन 

  • अगरबत्ती/मोमबत्ती निर्माण 

  • मोबाइल रिपेयरिंग शॉप 

  • रेडीमेड गारमेंट्स यूनिट 


आवेदन कैसे करें?

  1. सबसे पहले  JK Khadi and Village Industries Board (KVIB) की वेबसाइट पर जाएं।

  2. “JKREGP” के तहत आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें या अपने जिले के KVIB कार्यालय में संपर्क करें।

  3. आवेदन के साथ बिजनेस प्लान, दस्तावेज़ और फोटो जमा करें।

  4. लोन स्वीकृति से पहले आपको ट्रेनिंग दी जाएगी (EDP Training)।

  5. इसके बाद बैंक द्वारा लोन + सब्सिडी पास की जाएगी।


सच्ची कहानियां – प्रेरणा के पल

  • कुपवाड़ा की रजिया बेगम ने JKREGP से मदद लेकर मशरूम फार्मिंग शुरू की — आज गांव की दूसरी महिलाओं को भी ट्रेनिंग दे रही हैं।

  • डोडा के अली हुसैन ने लकड़ी के फर्नीचर की यूनिट लगाई — पहले अकेले काम करते थे, अब उनके साथ 4 और लड़के काम कर रहे हैं।

  • राजोरी के आदिल ने JKREGP से आटा चक्की खोली — अब आसपास के 3 गांवों की सप्लाई उन्हीं से होती है।


एक आख़िरी बात...

JKREGP सिर्फ एक योजना नहीं, ये आपके गांव में एक नई शुरुआत की चाबी है।
सरकार कहती है:

"तुम अगर कुछ करना चाहो, तो हम तुम्हें वो पहला सहारा देंगे — जिससे तुम खुद के लिए और दूसरों के लिए रोजगार का रास्ता खोल सको।"


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