Skip to main content

"रोज़गार मेले: मेहनती युवाओं के लिए उम्मीद और अवसर का मंच"

"Job Fairs" (रोज़गार मेले) को एक मानवीय, प्रेरणात्मक और व्यावहारिक अंदाज़ में समझते हैं — क्योंकि ये हर उस युवा के लिए उम्मीद का दरवाज़ा हैं, जो मेहनत तो करता है, पर नौकरी तक पहुंच नहीं बनती।


Job Fairs – जब नौकरी खुद आपके पास चलकर आती है

"जिसे नौकरी चाहिए, उसे इंटरव्यू के लिए शहर-दर-शहर भटकना नहीं पड़े — यही मक़सद है Job Fairs का।"
रोज़गार मेले यानी Job Fairs ऐसे आयोजन हैं, जहाँ कई कंपनियाँ एक ही जगह आती हैं, और बेरोज़गार युवाओं को सीधे नौकरी का मौका देती हैं।

सरकार और निजी संस्थाएं मिलकर समय-समय पर इन मेलों का आयोजन करती हैं, ताकि हुनरमंद, मेहनती और पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी के लिए लंबा इंतज़ार न करना पड़े।


इन मेलों का उद्देश्य क्या है?

  • युवाओं और कंपनियों को सीधे एक मंच पर लाना

  • बिना सिफारिश, बिना खर्च के इंटरव्यू और सिलेक्शन का मौका देना

  • युवाओं को उनके स्किल और योग्यता के हिसाब से सही जॉब दिलवाना

  • स्थानीय स्तर पर रोज़गार बढ़ाना और बेरोज़गारी घटाना


Job Fairs में क्या होता है?

  1. कई कंपनियों की मौजूदगी:
    प्राइवेट सेक्टर की छोटी-बड़ी कंपनियाँ, सर्विस सेक्टर, टेक्निकल फर्म, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, रिटेल ब्रांड्स आदि

  2. सीधा इंटरव्यू:
    ऑन-द-स्पॉट इंटरव्यू, स्किल टेस्ट और कुछ मामलों में उसी दिन ऑफर लेटर

  3. प्लेसमेंट एजेंसियाँ और ट्रेनिंग संस्थान:
    अगर आपके पास स्किल नहीं है, तो स्किल ट्रेनिंग और अपस्किलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन का अवसर

  4. रिज़्यूमे बनाने में मदद, करियर गाइडेंस और काउंसलिंग भी onsite मिलती है


कौन जा सकता है?

  • 10वीं, 12वीं, डिप्लोमा, ITI, ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट — सभी स्तर के पढ़े-लिखे युवा

  • जिनकी आयु 18 से 35 वर्ष के बीच हो

  • जिनके पास कोई न कोई हुनर, प्रशिक्षण या काम करने की इच्छा हो

  • महिलाएं, दिव्यांगजन, ड्रॉपआउट्स — सभी के लिए अवसर


कहां होते हैं Job Fairs?

  • हर जिले के जिला रोजगार कार्यालय (DE&CC) में

  • Mission Youth J&K, Skill India, ITI, PMKVY, NSDC, MSDE, और जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा

  • कई बार कॉलेज, यूनिवर्सिटी या ग्रामीण इलाकों में भी कैंप के रूप में

आप इनकी सूचना पा सकते हैं:

  • 🔗 Mission Youth Website

  • आपके ज़िले का रोजगार पोर्टल

  • सरकारी WhatsApp/Telegram ग्रुप

  • समाचार पत्र, रेडियो और सोशल मीडिया के ज़रिए


मेले में क्या साथ ले जाएँ?

  • आधार कार्ड, पैन कार्ड

  • बायोडाटा / रिज़्यूमे (2-3 कॉपी)

  • पासपोर्ट साइज फोटो

  • मार्कशीट (10वीं, 12वीं, डिग्री आदि)

  • कोई स्किल / ट्रेनिंग सर्टिफिकेट (यदि हो)


सच्ची कहानियाँ

  • श्रीनगर की तस्लीमा ने जॉब फेयर में एक हेल्थ कंपनी में इंटरव्यू दिया, और 15 दिन में काम शुरू कर दिया।

  • डोडा के इमरान ITI से पास थे, फेयर में उन्हें पावर टूल्स कंपनी में नौकरी मिल गई।

  • राजोरी के विशाल ने मेला में इंटरव्यू दिया, और अब एक सुपरमार्केट का शिफ्ट मैनेजर बन गया है।


एक आख़िरी बात

Job Fairs सिर्फ एक दिन की इवेंट नहीं, यह जीवन बदलने वाला मौका हो सकता है।
अगर आप नौकरी के लिए जगह-जगह भटक रहे हैं, तो याद रखिए:

"जब मौके खुद चलकर आएं — तो उन्हें हाथ से जाने मत दीजिए!"


"J&K भूमि नियम 2020: अब कौन खरीद सकता है ज़मीन?

"जम्मू-कश्मीर में ज़मीन खरीदकर घर बनाने की सरकारी योजनाएं और नियम"

"दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य योजनाएँ – अब इलाज होगा आसान"

"आयुष सेवाएं: प्राकृतिक इलाज और संतुलित जीवनशैली की ओर"

"eSanjeevani: अब इलाज घर बैठे, डॉक्टर वीडियो कॉल पर"

"NHM–J&K: हर घर तक स्वास्थ्य पहुंचाने का संकल्प"

"PMMVY: माँ के त्याग को सम्मान देने वाली योजना"

"जननी सुरक्षा योजना: माँ और शिशु की सुरक्षित डिलीवरी का संकल्प"

"आयुष्मान गोल्डन कार्ड: इलाज के वक्त आर्थिक सहारा"

"मुफ्त दवा व जांच योजना: अब इलाज में खर्च नहीं चिंता"

"आयुष्मान भारत – SEHAT: J&K के हर नागरिक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच"

J&K में गरीब और दूरदराज़ लोगों के लिए सरकार सस्ती और मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं दे रही है। जानें कौन-कौन सी योजनाएं हैं और कैसे लें लाभ।

"NEP 2020: शिक्षा के ज़रिए नए भारत का सपना"

"PMSSS – JK छात्रवृत्ति: देश के शीर्ष कॉलेजों में मुफ्त पढ़ाई का मौका"

"NIOS: अधूरी पढ़ाई को पूरा करने की दूसरी और सुनहरी शुरुआत"

"IGNOU: जहाँ सीखना कभी रुकता नहीं – हर उम्र, हर हाल में शिक्षा"

"IGNOU और NIOS: शिक्षा का दूसरा मौका, हर सीखने वाले के लिए"

"Mission Youth: Super 75 और SuperB 50 – J&K के होनहारों के लिए सुनहरा मौका"

"J&K में शिक्षा की रोशनी: सरकारी योजनाएं और पहलें"

"Post Matric Scholarship: SC/ST/OBC/EWS छात्रों के लिए उच्च शिक्षा में मदद"

"मिड डे मील योजना: भूख मिटे, बच्चा पढ़े – स्कूल से दोस्ती की शुरुआत"

"PM बालिका अनुप्रेषण योजना: हर बेटी के सपनों को मिलें नए पंख"

"समग्र शिक्षा अभियान: शिक्षा से सबका भविष्य समृद्ध"

"श्रमिक कल्याण बोर्ड: जो मज़दूरों की मेहनत को देता है सम्मान और सुरक्षा"

"MGNREGA: हर ग्रामीण परिवार को काम और गरिमा की गारंटी"

"MGNREGA: काम का अधिकार, सम्मान की गारंटी"

"रोज़गार मेले: मेहनती युवाओं के लिए उम्मीद और अवसर का मंच"

"Skill Training: हुनर जो बनाता है आत्मनिर्भर"

"कौशल विकास और रोजगार मेले: जहां उम्मीदें मिलती हैं अवसरों से"

"JKREGP: गांव में रोज़गार, गांव में सम्मान – अपना काम, अपनी पहचान"

"PMEGP: सपना अपना हो, काम भी अपना – रोज़गार की नई शुरुआत"

"PMEGP और JKREGP: अपना कारोबार शुरू करने का सुनहरा मौका"

"Mumkin: जहां से शुरू होती है आत्मनिर्भरता की गाड़ी"

"Rojgar Sangam Yojana: हर बेरोज़गार को सम्मान और सहारा"

"Mission YUVA / YEEDP: खुद की पहचान बनाने का सफ़र"

"Parvaaz: जहां से सपनों को उड़ान मिलती है"

"Tejaswini: हर बेटी के सपनों को रोशनी देने वाली योजना"

"Mission Youth: युवाओं के सपनों को नई उड़ान"

"मिशन YUVA / YEEDP: एक नई शुरुआत की ओर"

"J&K में रोज़गार और स्वरोज़गार के लिए प्रमुख सरकारी योजनाएं"

"जम्मू-कश्मीर की प्रमुख सरकारी योजनाएं: एक नज़र में"

Comments

Popular posts from this blog

Sabla / Kishori Balika Yojana – किशोरियों के स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम

सबल योजना / किशोरी बालिका योजना: बेटियों के स्वावलंबन की राह  भारत जैसे देश में जहां बेटियाँ एक तरफ देवी का रूप मानी जाती हैं, वहीं दूसरी ओर कई बार उन्हें शिक्षा, पोषण और सम्मान से वंचित भी रहना पड़ता है। एक किशोरी के जीवन में जब उसका शरीर और मन कई बदलावों से गुजरता है, तब उसे सबसे ज़्यादा मार्गदर्शन, पोषण, स्वास्थ्य और आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसी संवेदना और ज़रूरत को समझते हुए भारत सरकार ने सबल योजना (जिसे किशोरी बालिका योजना भी कहा जाता है) की शुरुआत की — ताकि देश की बेटियाँ न सिर्फ स्वस्थ रहें, बल्कि आत्मनिर्भर भी बनें। किशोरी – एक संवेदनशील मोड़ जब कोई बच्ची 11-18 साल की उम्र में प्रवेश करती है, तो यह उसका शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से सबसे संवेदनशील और निर्णायक समय होता है। इस उम्र में वह न तो पूरी तरह से बच्ची रहती है, न पूरी तरह से वयस्क। वह अपनी पहचान, आत्म-विश्वास और समाज में अपने स्थान को लेकर संघर्ष कर रही होती है। ग्रामीण भारत में स्थिति और भी कठिन है — यहाँ अधिकांश किशोरियाँ या तो स्कूल छोड़ चुकी होती हैं, या घरेलू जिम्मेदारियों में डूब चुकी होती हैं। उन्हे...

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 – किसानों की समृद्धि

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना – किसानों के समृद्धि की नई उम्मीद भारत की आत्मा गांवों में बसती है, और गांवों की आत्मा हमारे किसान हैं। हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ खेतों में हल जोतता किसान, तपती दोपहर में फसलों को सींचता किसान और रात के अंधेरे में भी अपने खेत की रखवाली करता किसान — यही तो हैं हमारे देश की असली रीढ़। ऐसे में जब केंद्र सरकार किसानों की स्थिति सुधारने और उनकी आमदनी दोगुनी करने की बात करती है, तो यह सिर्फ एक नीति नहीं होती, बल्कि करोड़ों उम्मीदों की नींव होती है। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना इसी दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना? प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है — किसानों की आय बढ़ाना, फसलों की उत्पादकता सुधारना, और कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का समावेश करना। यह योजना किसानों को बेहतर बीज, सस्ती दरों पर उर्वरक, सिंचाई की सुविधा, कृषि यंत्रों पर सब्सिडी और फसल की सही कीमत दिलाने में मदद करती है। इसका मुख्य लक्ष्य यह है कि भारत का हर किसान आत्मनिर्भर बन...

नया राशन कार्ड बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन गाइड 2025

ऑनलाइन राशन कार्ड आवेदन करते महिला नया राशन कार्ड कैसे बनाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके राशन कार्ड केवल एक दस्तावेज नहीं है, यह आम आदमी के अधिकारों और गरिमा की पहचान है। भारत जैसे देश में, जहाँ करोड़ों परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवन गुजारते हैं, राशन कार्ड उनके लिए सरकारी सहायता का प्रमुख जरिया है। यह न केवल सस्ता अनाज पाने का हक देता है, बल्कि पहचान, निवास प्रमाण और कई सरकारी योजनाओं से जुड़ने का ज़रिया भी बनता है। ऐसे में यदि आपके पास राशन कार्ड नहीं है, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। यहाँ हम सरल भाषा में बताएंगे कि नया राशन कार्ड कैसे बनवाएं – वो भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से, ताकि आपकी जेब और समय दोनों की बचत हो। क्यों ज़रूरी है राशन कार्ड? कल्पना कीजिए कि किसी गरीब बुज़ुर्ग महिला को महीने का गुज़ारा करना है – न कोई पेंशन, न कमाई का जरिया। राशन कार्ड के ज़रिए वह महिला सरकार से 1-2 रुपये किलो में अनाज पाती है, जिससे उसका पेट भरता है। इसी तरह, एक मजदूर परिवार को भी रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरा करने के लिए सरकारी राशन का सहारा होता है। राशन कार्ड के बिना ये सारी मददे...