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"PM बालिका अनुप्रेषण योजना: हर बेटी के सपनों को मिलें नए पंख"

प्रधानमंत्री बालिका अनुप्रेषण योजना (PM Girls Incentive Scheme)  यह योजना हर उस बेटी के लिए है जो पढ़ना चाहती है, लेकिन गरीबी और भेदभाव उसकी राह में दीवार बन जाते हैं।


प्रधानमंत्री बालिका अनुप्रेषण योजना (PM Girls Incentive Scheme)

"बेटी पढ़ेगी, तभी तो देश आगे बढ़ेगा!"

यह योजना उन लड़कियों के लिए है जो स्कूल में हैं, लेकिन सामाजिक या आर्थिक कारणों से पढ़ाई छोड़ सकती हैं
इस योजना के तहत उन्हें आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे 9वीं से 12वीं तक की पढ़ाई जारी रख सकें।


उद्देश्य क्या है?

  • गरीब परिवारों की बेटियों को स्कूल में बनाए रखना

  • उन्हें शादी या काम में नहीं, बल्कि पढ़ाई में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना

  • ड्रॉपआउट रेट कम करना, खासकर SC/ST, BPL, अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों का

  • महिला सशक्तिकरण की नींव बचपन से डालना


कौन ले सकता है लाभ?

पात्रता विवरण
लड़की छात्रा जो सरकारी या मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ रही हो
 कक्षा कक्षा 9वीं से 12वीं तक की छात्राएं
पारिवारिक आय आम तौर पर BPL परिवार, या SC/ST/OBC/EWS से संबंधित हों
स्कूल उपस्थिति नियमित स्कूल जाने वाली (70% उपस्थिति आवश्यक हो सकती है)

👉 पात्रता नियम अलग-अलग राज्यों में थोड़ा अलग हो सकते हैं — लेकिन जम्मू-कश्मीर में इसका लाभ मुख्यतः SC/ST/EWS परिवारों की बेटियों को मिलता है।


कितना और क्या लाभ मिलता है?

  • एकमुश्त प्रोत्साहन राशि ₹3,000 से ₹5,000 तक (राज्य और कक्षा के आधार पर)

  • यह राशि डायरेक्ट बैंक अकाउंट में DBT के ज़रिए भेजी जाती है

  • कुछ राज्यों में यह Scholarship या Saving Scheme के रूप में दी जाती है (18 साल की उम्र में निकासी)


आवेदन कैसे करें?

  1. स्कूल में संपर्क करें – प्रधानाचार्य से बात करें

  2. आवेदन फॉर्म भरें – स्कूल या शिक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है

  3. ज़रूरी दस्तावेज़:

    • आधार कार्ड

    • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)

    • बैंक पासबुक (बेटी के नाम या माता-पिता के)

    • राशन कार्ड या आय प्रमाण

    • स्कूल प्रमाण पत्र (कक्षा और उपस्थिति)

  4. फॉर्म शिक्षा विभाग को भेजा जाता है, और सत्यापन के बाद पैसा खातों में ट्रांसफर होता है


बेटी की कहानी

जम्मू जिले की शालिनी, जो एक गरीब दलित परिवार से थी, 9वीं के बाद स्कूल छोड़ने वाली थी।
प्रधानमंत्री बालिका योजना के तहत उसे ₹3,000 की सहायता मिली।
उसने स्कूल छोड़ा नहीं — बल्कि आज 12वीं पास करके nursing की पढ़ाई कर रही है
"पहली बार मुझे महसूस हुआ कि सरकार भी हमारे जैसे गरीब की बेटी को पढ़ाना चाहती है।"


योजना से जुड़ने के लिए

  • अपने स्कूल में जानकारी लें

  • या नजदीकी Chief Education Officer (CEO) या Zonal Education Officer (ZEO) कार्यालय में संपर्क करें

  • जम्मू-कश्मीर में कई बार यह योजना Samagra Shiksha Abhiyan के तहत लागू होती है


एक आख़िरी बात...

"बेटियों को पढ़ाना, सिर्फ उनके लिए नहीं — समाज को समझदार और सभ्य बनाने की शुरुआत है।"
सरकार यह योजना देकर आपकी बेटी पर विश्वास दिखा रही है — अब उसे हौसला और किताबें देने की ज़रूरत है।


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